विदेश की खबरें | अमेरिका और इजराइल ने कहा कि वे ईरान के लिए ‘दूसरी योजना’ पर विचार कर रहे हैं

विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और इजराइली विदेश मंत्री येर लापिद ने कहा कि अगर अमेरिका इस समझौते में फिर से शामिल होता है और इसके बावजूद ईरान समझौते के अनुपालन की तरफ लौटने की उसकी पेशकश को ठुकराता है तो इस स्थिति से निपटने के लिए दोनों देशों के बीच ‘‘अन्य विकल्पों” पर चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया कि ये विकल्प क्या होंगे लेकिन ऐसे कई गैर-कूटनीतिक विकल्प हैं जिनपर विचार किया जा सकता है। इनमें बढ़े हुए प्रतिबंधों से लेकर सैन्य विकल्प शामिल हैं। बाइडन प्रशासन की प्राथमिकता इस समझौते को पुनर्जीवित करना रही है और इस दिशा में काम नहीं करना उसकी विदेश नीति उद्देश्यों के लिए झटका साबित हो सकता है।

ये टिप्पणियां अमेरिका की ओर से मानी गई दुर्लभ स्वीकृति है कि वह ईरान के साथ कूटनीति विफल रहने की सूरत में आगे की रणनीति पर विचार कर रहा है। इजराइल कभी भी परमाणु समझौते का हिस्सा नहीं रहा है और इसके पूर्व प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू, ओबामा प्रशासन द्वारा किए गए इस समझौते के मुखर विरोधी रहे हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते से 2018 में अमेरिका को अलग कर लिया था।

ब्लिंकन और लापिद ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेश मंत्री के साथ विदेश मंत्रालय में एक संयुक्त प्रेस वार्ता में यह टिप्पणी की। इस वार्ता में तीनों तथाकथित "अब्राहम समझौतों" का विस्तार करने की कोशिश करने पर सहमत हुए। ट्रंप शासन काल में हुए इन समझौतों ने इजराइल, यूएई और अन्य अरब देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाया था।

उनकी टिप्पणी तब आई है जब ईरान ने संकेत दिया है कि वह वियना में अमेरिका के साथ परोक्ष वार्ता करने के लिए तैयार है, लेकिन कोई तारीख नहीं दी है। ईरान ने समझौते के तहत बाधित अपनी परमाणु गतिविधियों की सीमाओं को तोड़ना जारी रखा हुआ है।

एपी

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