नयी दिल्ली, सात फरवरी नियम 267 के तहत दिए गए विभिन्न विपक्षी सदस्यों के कार्य स्थगन नोटिस अस्वीकार किए जाने के बाद मंगलवार को राज्यसभा में हंगामा होने की वजह से कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
उच्च सदन में हंगामे के कारण आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाए।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की बैठक शुरु होने पर भी सदन में हंगामा जारी रहा और कुछ विपक्षी सदन आसन के समीप आकर नारे लगाने लगे।
हंगामे के बीच ही सभापति जगदीप धनखड़ ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया। लेकिन सदन में व्यवस्था नहीं बनते देख उन्होंने बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले सुबह बैठक शुरू होने पर सभापति धनखड़ ने सीरिया और तुर्किए में सोमवार को आए 7.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप का जिक्र करते हुए कहा कि इस आपदा से दोनों देशों में भारी तबाही हुई है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न देश सीरिया और तुर्किए के लिए मदद भेज रहे हैं और भारत ने भी दवाएं, चिकित्सा उपकरण तथा अन्य सहायता भेजी है। सभापति ने कहा कि संकट की इस घड़ी में भारत दोनों देशों के प्रति एकजुटता दिखाता है। इसके बाद भूकंप से जान गंवाने वालों को सदन में कुछ पलों का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।
तत्पश्चात सभापति ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। फिर उन्होंने सदन को सूचित किया कि उन्हें कांग्रेस, वाम दलों, आम आदमी पार्टी, बीआरएस सहित विभिन्न दलों की ओर से 30 नोटिस मिले हैं जिनमें नियम 267 के तहत नियत कामकाज निलंबित कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग की गई है।
उन्होंने कहा कि पूर्व में दी गई व्यवस्थाओं के अनुरूप नहीं होने की वजह से उन्होंने ये नोटिस स्वीकार नहीं किए। उन्होंने कहा कि सदस्य शून्यकाल के दौरान और फिर अन्य तरीकों से अपने-अपने मुद्दे उठा सकते हैं।
सभापति के ऐसा कहने पर विभिन्न विपक्षी सदस्यों ने विरोध जताया और हंगामा शुरू हो गया। धनखड़ ने सदस्यों से शांत रहने की अपील करते हुए कहा कि सदन में व्यवस्था होनी चाहिए, चर्चा होनी चाहिए, हंगामा नहीं। उन्होंने कहा कि यह बातें वह हर बार दोहराते हैं लेकिन इन पर ध्यान नहीं दिया जाता।
हंगामा थमते न देख उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बज कर 12 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
उल्लेखनीय है कि अडाणी समूह पर ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट और शेयर बाजार में उससे जुड़े घटनाक्रम के मुद्दे पर जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने तथा इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की विपक्ष की मांग को लेकर पिछले सप्ताह से सदन की कार्यवाही बाधित है।
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