राहुल गांधी की टिप्पणी और अडाणी समूह के मामले पर लोकसभा में हंगामा, कार्यवाही बाधित
कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र को लेकर लंदन में दिए गए बयान और अडाणी समूह से जुड़े मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग को लेकर मंगलवार को सत्तापक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों ने लोकसभा में भारी हंगामा किया . हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के करीब पांच मिनट बाद अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
नयी दिल्ली, 14 मार्च : कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) द्वारा भारत के लोकतंत्र को लेकर लंदन में दिए गए बयान और अडाणी समूह से जुड़े मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग को लेकर मंगलवार को सत्तापक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों ने लोकसभा में भारी हंगामा किया . हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के करीब पांच मिनट बाद अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्य अपने-अपने स्थान पर खड़े हो गए . भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे लगाए, तो कांग्रेस के सदस्यों ने अडाणी समूह से जुड़े विषय पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. शोर-शराबे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया और बीजू जनता दल के सांसद अनुभव मोहंती का नाम पूरक प्रश्न पूछने के लिए पुकारा. मोहंती ने बार-बार सदन में व्यवस्था नहीं होने का हवाला दिया.
बिरला ने नारेबाजी कर रहे दोनों पक्षों के सदस्यों से अपने-अपने स्थान पर बैठने और सदन चलने देने की अपील की. हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने करीब 11 बजकर पांच मिनट पर लोकसभा की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी. राहुल गांधी द्वारा लंदन में दिए गए बयान को लेकर बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन सोमवार को भी लोकसभा भारी हंगामा हुआ था. सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के शोर शराबे के कारण सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी थी. यह भी पढ़ें : Ram Navmi 2023: रामनवमी को लेकर अयोध्या में जश्न की तैयारी
भारतीय जनता पार्टी इस विषय पर राहुल गांधी से माफी की मांग कर रही है. दूसरी तरफ, कांग्रेस का आरोप है कि अडाणी समूह के मामले पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग से ध्यान भटकाने के लिए सत्तापक्ष हंगामा कर रहा है. उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने ब्रिटेन के मशहूर शिक्षण संस्थान कैंब्रिज विश्वविद्यालय में दिए व्याख्यान में यह आरोप लगाया था कि भारत में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है और प्रधानमंत्री मोदी भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट कर रहे हैं.