नयी दिल्ली, 29 मार्च लोकसभा में बुधवार को विपक्ष द्वारा अडाणी मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग को लेकर भारी हंगामे के बीच एक विधेयक को बिना चर्चा के पारित किया गया जबकि निचले में सदन में गतिरोध जारी रहने से एक बार के स्थगन के बाद बैठक को दोपहर 12 बजकर करीब 35 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया।
सदन में बृहस्पतिवार को राम नवमी के कारण अवकाश रहेगा और शुक्रवार की एक अतिरिक्त छुट्टी रहेगी। अब सदन की अगली बैठक तीन अप्रैल, सोमवार पूर्वाह्न 11 बजे से होगी।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे बैठक शुरू होने पर पीठासीन सभापति रमा देवी ने आवश्यक दस्तावेज सदन में प्रस्तुत कराए। इस दौरान काले परिधान पहने हुए कांग्रेस सदस्य आसन के समीप आकर ‘हमें चाहिए जेपीसी’ के नारे लगाने लगे।
हंगामे के बीच ही केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने ‘वन संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023’ पेश किया। आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन ने सदन में व्यवस्था नहीं होने की स्थिति में विधेयक पेश किये जाने का विरोध किया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच ‘प्रतिस्पर्धा (संशोधन) विधेयक, 2022’ को सदन में विचार और पारित करने के लिए रखा।
सदन ने हंगामे के बीच ही विपक्ष के सदस्यों के संशोधनों को खारिज करते हुए यथासंशोधित विधेयक को बिना चर्चा ध्वनिमत से मंजूरी दी।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने ‘जैव विविधता (संशोधन) विधेयक, 2022’ को दोनों सदनों के सदस्यों की एक संयुक्त समिति के विचारार्थ भेजने का प्रस्ताव रखा। सभा ने हंगामे के बीच ही ध्वनिमत से प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी।
पीठासीन सभापति रमादेवी ने आसन के पास आकर नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से कार्यवाही चलने देने और अपने स्थान पर जाने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘जनता ने आपको यह करने के लिए नहीं भेजा है। जनता ने आपको वोट दिया है। अपने स्थान पर जाकर बोलिए। कार्यवाही चलने दीजिए।’’
शोर-शराबा नहीं थमा तो उन्होंने कार्यवाही दोपहर 12 बजकर करीब 35 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले सुबह 11बजे कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस सहित कुछ विपक्ष दलों के सदस्य नारेबाजी करने लगे और आसन के निकट पहुंच गए।
पीठासीन सभापति भर्तृहरि महताब ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सदन चलने देने की अपील।
उन्होंने कहा, ‘‘सदन चलाने की जिम्मेदारी सिर्फ आसन की नहीं है, बल्कि हर सदस्य की भी है।’’
हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बजकर एक मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत ने 2019 के आपराधिक मानहानि के एक मामले में दो साल की सजा सुनाई है। इसके मद्देनजर राहुल को शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने के विरोध स्वरूप कांग्रेस सदस्य सदन में लगातार तीसरे दिन काले कपड़े पहनकर आए।
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