लखनऊ, 31 मई उत्तर प्रदेश विधान परिषद में विभिन्न परीक्षाओं के पर्चे लीक होने के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने मंगलवार को सदन से बहिर्गमन किया।
शून्यकाल में सपा सदस्यों ने कार्यस्थगन की सूचना के जरिये यह मुद्दा उठाते हुए सदन का बाकी काम रोककर इस पर चर्चा कराने की मांग की।
सूचना की ग्राह्यता पर जोर देते हुए सपा सदस्य डॉ. मान सिंह यादव ने कहा कि प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है, तब से प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लगातार लीक हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में जब विधानसभा के चुनाव हो रहे थे, तब भाजपा ने लाखों बेरोजगारों को नौकरी देने का वादा किया था और महज चार महीने बाद प्रदेश में दारोगा भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक हो गया।
यादव ने कहा, “भाजपा के शासन में अगस्त 2017 में दारोगा भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक हो गया। इसके अलावा, फरवरी 2018 में यूपीपीसीएल और अप्रैल 2018 में यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया। जुलाई 2018 में अधीनस्थ सेवा चयन परीक्षा का पेपर लीक हुआ।”
उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर कतई गंभीर नहीं है, जो अभ्यर्थियों के प्रति घोर अन्याय है।
वहीं, सपा सदस्य आशुतोष सिन्हा ने कहा, “प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ-साथ बोर्ड परीक्षाओं का भी पेपर लीक होना शुरू हो गया है। हाल ही में प्रदेश के करीब दो दर्जन जिलों में इंटरमीडियट की अंग्रेजी बोर्ड परीक्षा का पेपर लीक हो गया। सरकार को नौजवानों के भविष्य की बिल्कुल भी चिंता नहीं है।”
सदन में सपा और विपक्ष के नेता लाल बिहारी यादव ने कहा, “पेपर लीक होने से उन छात्रों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है, जो खून-पसीने की कमाई से परीक्षा की तैयारी करते हैं। गांव, गरीब, किसान, मजदूर और मध्यम वर्ग के परिवारों के बच्चे नौकरी की उम्मीद में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। पेपर लीक होना उनके साथ अन्याय है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि दूसरी तरफ बड़े लोगों के बच्चे, जिनकी पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं है, वे इन गरीबों व किसानों के बच्चों से नौकरियां छीनना चाहते हैं और सरकार इसमें उनकी मदद कर रही है।
यादव ने कहा, “भाजपा सरकार में बड़े पदों पर बैठे लोग प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर को दो से चार लाख रुपये में बिकवाते हैं। यह सरकार द्वारा संरक्षणप्राप्त एक संगठित गिरोह है, जो पेपर लीक के जरिये अरबों रुपये कमाता है।”
राज्य मंत्री जसवंत सैनी ने सरकार का पक्ष रखते हुए दावा किया कि उत्तर प्रदेश में जो भी प्रतियोगी परीक्षाएं हो रही हैं, वे पूरी निष्पक्षता, पारदर्शिता और ईमानदारी से कराई जा रही हैं।
उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा कराई जा रही भर्तियों में कोई भी पेपर लीक नहीं हुआ है। बोर्ड द्वारा पिछले पांच वर्षों में शुचितापूर्ण तरीके से उपनिरीक्षक, नागरिक पुलिस एवं समकक्ष पदों पर कंप्यूटर ऑपरेटर, लिपिक संवर्ग तथा जेल वार्डन आदि के कुल 1,44,194 पदों पर सीधी भर्ती की गई है।”
सैनी ने बताया कि वर्तमान में उपनिरीक्षक एवं समकक्ष 9,534 पदों के सापेक्ष भर्ती की प्रक्रिया की जा रही है, जिसमें अनुचित साधनों का प्रयोग करने वाले 134 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
मंत्री के अनुसार, इसके अलावा उत्तर प्रदेश पुलिस में उपनिरीक्षक (गोपन), सहायक उपनिरीक्षक (लिपिक) एवं सहायक उपनिरीक्षक (लेखा) के कुल 1,329 पदों पर लिखित परीक्षा, अभिलेखों की समीक्षा एवं शारीरिक मानक परीक्षा की प्रक्रिया सकुशल संपन्न की जा चुकी है।
सपा सदस्य मान सिंह यादव ने नेता सदन के जवाब पर असंतुष्टि जाहिर करते हुए कहा, “सरकार जाहिर तौर पर पेपर लीक के विभिन्न मामलों में कार्रवाई भी कर रही है और यह भी कह रही है कि कोई भी पेपर लीक नहीं हुआ।”
इसके बाद सपा के सभी सदस्य सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन से बाहर चले गए।
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