नयी दिल्ली, 11 दिसंबर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने शुक्रवार को स्कूलों के नेतृत्वकर्ताओं से नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को कारगर तरीके से लागू करने के लिए पुरजोर प्रयास करने का अनुरोध किया।
वह सीबीएसई के वार्षिक सहोदय सम्मेलन के 26 वें सत्र को संबोधित कर रहे थे।
पोखरियाल ने कहा, ‘‘मैं स्कूलों के नेतृत्वकर्ताओं से नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 को कारगर तरीके से लागू करने के लिए पुरजोर प्रयास करने का अनुरोध करता हूं। यह नीति, अब तक पहली बार सर्वाधिक संख्या में हितधारकों के विचारों को ध्यान में रख कर बनाई गई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह हर नागरिक की सामूहिक जिम्मेदारी है कि भारत को एक आत्मनिर्भर देश बनाएं और असीमित संभावनाओं के साथ एक नया भारत बनाएं। स्कूलों के नेतृत्वकर्ताओं और शिक्षकों को इसे हकीकत में तब्दील करने के लिए सामूहिक रूप से काम करना चाहिए। ’’
सीबीएसई ने सहोदय विद्यालय परिसर (सहोदय स्कूल कॉम्पलेक्सेज) के 26 वें राष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया है और इसकी मेजबानी बेंगलोर सहोदय स्कूल कॉम्पलेक्स एसोसिएशन द्वारा की जा रही है। यह सम्मेलन डिजिटल माध्यमों से शुक्रवार को शुरू हुआ।
शिक्षा मंत्री ने समावेशी शिक्षा, खेल-खेल में सीखने और 11वीं एवं 12वीं कक्षा के लिए शारीरिक शिक्षा पर सीबीएसई नियमावली भी जारी की।
स्कूली शिक्षा सचिव अनिता करवाल ने देश में शिक्षा के भविष्य के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने कहा कि हर शिक्षक को चुनौतियों को स्वीकार करने और उन्हें अवसरों में बदलने की जरूरत है, ताकि समग्र शिक्षा उपलब्ध कराई जा सके।
डिजिटल माध्यमों से आयोजित इस सम्मेलन में देश भर से और विदेशों से 4,000 से अधिक लोग शामिल हो रहे हैं।
सीबीएसई सहोदय स्कूल कॉम्पलेक्सेज आसपास के उन संबद्धता प्राप्त स्कूलों का समूह है, जो स्कूली शिक्षा के लिए पठन-पाठन के सर्वश्रेष्ठ तरीकों और नवोन्मेषी रणनीतियों को साझा करने के लिए एक मंच पर आए हैं तथा पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने, मूल्यांकन, अध्यापन और शिक्षकों के नियमित क्षमता निर्माण में एक-दूसरे का सहयोग कर रहे हैं।
वर्तमान में देश भर में 200 से अधिक सीबीएसई सहोदय स्कूल समूह हैं।
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