लंदन, 14 अगस्त : अभी तक टाइप 2 मधुमेह का प्रबंधन मुख्य रूप से जोखिम वाले कारकों - जैसे उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और रक्त शर्करा (ग्लूकोज) के स्तरों को नियंत्रित करके और आमतौर पर दवाएं लेकर किया जाता था. लेकिन इससे मधुमेह के मूल कारण - हार्मोन इंसुलिन से रक्त शर्करा को प्रभावी ढंग से नियंत्रित नहीं कर पाने संबंधी समस्याएं दूर नहीं होती हैं. दवा लेने से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है, लेकिन इससे टाइप 2 मधुमेह के पीछे के जैविक कारणों को दूर करने में मदद नहीं मिलती. इस क्षेत्र में लगातार हो रहे अनुसंधान से पता चलता है कि ऑपरेशन या परहेज के जरिए वजन कम करना टाइप 2 मधुमेह के कुछ अंतर्निहित कारणों को दूर करने में मदद कर सकता है. यह शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करके ऐसा करता है. इंसुलिन कैसे बनता है और कैसे काम करता है, इस प्रक्रिया में सुधार के जरिए रक्त शर्करा को नियंत्रित करके टाइप 2 मधुमेह से कुछ समय के लिए छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है.
अब तक के अधिकतर अनुसंधान में टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित लोगों की सहायता के लिए भोजन के स्थान पर शेक का उपयोग करने पर ध्यान दिया गया है और यही कारण है कि चिकित्सक भी इसी दृष्टिकोण के आधार पर सलाह देते हैं. हाल में अनुसंधानकर्ताओं ने मधुमेह से छुटकारा पाने के लिए अन्य आहारों- जैसे कम कार्बोहाइड्रेट वाले आहार को लेकर अनुसंधान शुरू किया है. इस क्षेत्र में अभी और अनुसंधान हो रहे हैं, लेकिन अध्ययन के परिणामों ने कम कार्बोहाइड्रेट वाले आहार को अब तक आशाजनक पाया है. टाइप 2 मधुमेह को दूर करने में लोगों की मदद के लिए कौन से आहार सबसे अधिक उपयोगी है, यह बेतहर तरीके से समझने के लिए हमारी हालिया समीक्षा में टाइप 2 मधुमेह पर विभिन्न आहारों के प्रभाव के बारे में बताने वाले 90 से अधिक पत्रों की समीक्षा की गई. हमने पाया कि बेहतर गुणवत्ता के अनुसंधानों में क्लिनिकल परीक्षणों में इस्तेमाल होने वाले आहार के स्थान पर उपयोग किए जाने वाले शेक पर ध्यान केंद्रित किया गया है, लेकिन अन्य दृष्टिकोण (जैसे कि कम कार्बोहाइड्रेट वाला आहार) ने भी अच्छा काम किया है. यह भी पढ़ें : 14 अगस्त को ‘विभाजन विभिषका स्मरण दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा: प्रधानमंत्री मोदी
हमारी समीक्षा में पता चला है कि भोजन के स्थान पर दिए जाने वाले आहार की मदद से हर तीन में एक व्यक्ति मधुमेह को कुछ समय के लिए काबू करने में सफल रहा, जबकि कम कार्बोहाइड्रेट वाले आहार से हर पांच में से एक व्यक्ति इस दिशा में सफल रहा है, जिन लोगों ने इन दोनों ही आहार की मदद से वजन कम किया, वे अपना वजन नियंत्रित करने पर दो साल तक मधुमेह को काबू रखने में सफल रहे. कम कैलोरी और भूमध्य सागरीय आहार से भी लोगों को मधुमेह को काबू करने में मदद मिली, लेकिन इसमें सफलता की दर बहुत कम रही. कम कैलोरी वाले आहार लेने वाले केवल करीब पांच लोग एक वर्ष के बाद मधुमेह को नियंत्रित रखने में सफल रहे, जबकि भूमध्य सागरीय आहार लेने वाले केवल 15% लोग एक वर्ष के बाद मधुमेह को नियंत्रित रखने में कामयाब रहे. मधुमेह से कुछ समय के लिए छुटकारा पाने की परि