कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में पंचायत चुनाव (Panchayat Election) से पहले राज्य के बीरभूम जिले में मोटरसाइकिल पर सवार तृणमूल कांग्रेस (TMC) के दो कार्यकर्ताओं पर बम फेंका गया जिससे उनकी मौत हो गई. पुलिस (Police) ने रविवार को यह जानकारी दी. हालांकि विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) ने आरोप लगाया कि हत्याएं टीएमसी में आंतरिक कलह का नतीजा हैं, लेकिन सत्तारूढ़ दल ने कांग्रेस पर उंगली उठाईं.
घटना के 24 घंटे के भीतर जिले के पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया गया, लेकिन प्रशासन ने दावा किया कि यह कदम उससे जुड़ा हुआ नहीं है. पुलिस ने कहा कि टीएमसी कार्यकर्ता न्यूटन शेख और स्थानीय पंचायत प्रमुख का भाई लाल्टू शेख मोटरसाइकिल से कहीं जा रहे थे, तभी कुछ बदमाशों ने उन पर बम फेंका. 2019 चुनाव के बाद ही नीतीश कुमार को छोड़ना था BJP का साथ, मोदी की हवा के चलते रूकना पड़ा; प्रशांत किशोर का बड़ा खुलासा
उन्होंने बताया कि इस घटना में न्यूटन की रात में मौत हो गई, जबकि लाल्टू ने कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में दम तोड़ दिया, जहां उसे जिले के रामपुरहाट अस्पताल से स्थानांतरित किया गया था. घटना में मारे गए व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि बम कांग्रेस के गुंडों द्वारा फेंका गया क्योंकि उक्त पार्टी इस साल होने वाले पंचायत चुनाव से पहले दोनों की क्षेत्र में ‘‘बढ़ती लोकप्रियता’’ से आशंकित थी.
वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने उनके दावों का खंडन करते हुए कहा कि मारग्राम में पार्टी की सांगठनिक ताकत बहुत कम है और पार्टी किसी हमले में शामिल नहीं है. चौधरी ने दावा किया, "हर कोई जानता है कि हमलावर और पीड़ित दोनों टीएमसी से ताल्लुक रखते हैं."
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘‘टीएमसी कार्यकर्ता खुद ही हमले कर रहे हैं और ‘कट मनी’ को लेकर लूट की लड़ाई में मारे जा रहे हैं. इस सरकार को हटाने के बाद ही ये स्थिति समाप्त होगी.’’
पश्चिम बंगाल के मंत्री एवं टीएमसी के वरिष्ठ नेता फिरहाद हकीम ने हालांकि इस बात से इनकार किया कि हत्याओं के पीछे पार्टी के अंदर कोई प्रतिद्वंद्विता है. हकीम ने सवाल किया कि क्या इस हमले में नक्सलियों की संलिप्तता हो सकती है क्योंकि बीरभूम जिला झारखंड के साथ सीमा साझा करता है जहां नक्सली सक्रिय हैं.
हकीम ने कोलकाता में कहा कि पुलिस को यह पता लगाने के लिए सभी पहलुओं की जांच करनी चाहिए कि दोनों पर हमला कैसे और क्यों किया गया. इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार ने रविवार को बीरभूम जिले के पुलिस अधीक्षक नागेंद्र नाथ त्रिपाठी का तबादला कर दिया और उनके स्थान पर एक अन्य आईपीएस अधिकारी भास्कर मुखर्जी को लाया गया है.
राज्य सचिवालय 'नबन्ना' की एक अधिसूचना में कहा गया है कि त्रिपाठी को तत्काल पश्चिम बंगाल पुलिस निदेशालय में विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) के तौर पर कार्यभार संभालने के लिए कहा गया है. अधिसूचना में कहा गया है कि मुखर्जी सुंदरबन पुलिस जिले के एसपी थे. अधिसूचना में कहा गया है कि उनकी जगह भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के एसपी (मुख्यालय) कोटेश्वर राव नलावथ लेंगे.
राज्य सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईपीएस अधिकारियों में छोटे फेरबदल को ‘‘विशुद्ध रूप से प्रशासनिक’’ बताया, हालांकि यह टीएमसी के दो कार्यकर्ताओं की हत्या के एक दिन बाद किया गया है. घोष ने दावा किया कि आईपीएस अधिकारियों को, "सत्तारूढ़ पार्टी के प्रति निष्ठा जताये जाने के बावजूद", हटाया जा रहा है.
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘इस दिखावटी कदम से पंचायत चुनाव से पहले सत्तारूढ़ दल द्वारा बड़ी संख्या में जमा किए गए देसी बम का पता लगाने में मदद नहीं मिलेगी.’’ टीएमसी के राज्यसभा सांसद शांतनु सेन ने हालांकि कहा कि यह पूरी तरह से प्रशासनिक फैसला है.
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