डिब्रूगढ़ (असम), 29 नवंबर : डिब्रूगढ़ में असम मेडिकल कॉलेज में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे दो छात्रों को, रैगिंग करने के आरोप में छह महीने के लिए निलंबित कर छात्रावास से निकाल दिया गया है. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने सोमवार को 18 छात्रों को एम. कॉम के छात्र की रैगिंग के आरोप में निष्कासित कर दिया था, जिसके बाद यह इस तरह का दूसरा मामला है. छात्र की रीढ़ की हड्डी और हाथ में फ्रैक्टर आने के बाद उसे गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था.
असम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजीब काकती ने कहा कि एक जूनियर छात्र और उसके परिवार की तरफ से शिकायत मिलने के बाद संस्थान ने तुरंत कार्रवाई की. काकती ने कहा, “अगर चीजों को चरम सीमा तक पहुंचने से पहले संभाला जाता , तो बहुत कुछ होने से रोका जा सकता था. हम जूनियर छात्रों की रैगिंग या उत्पीड़न की किसी भी घटना को लेकर बहुत सख्त हैं और हम ऐसी किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करते.” उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के इस सबसे पुराने मेडिकल कॉलेज की एंटी-रैगिंग कमेटी (एआरसी) ने आर्थोपेडिक्स विभाग के दो स्नातकोत्तर छात्रों को जूनियर पीजी छात्रों को शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान करने का दोषी पाया. यह भी पढ़ें :पीएम-किसान योजना में अनियमितताएं : उच्च न्यायालय ने असम सरकार से कार्रवाई के लिए कहा
काकती ने कहा, “यह घोर कदाचार है. इसलिए, समिति की सिफारिश पर दोषी पीजी छात्रों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई.” उन्होंने कहा कि 21 नवंबर को एक आदेश जारी कर दोनों को तत्काल छात्रावास से निष्कासित कर दिया गया और छह महीने के लिए कक्षाओं में भाग लेने व शैक्षणिक विशेषाधिकारों से रोक दिया गया. अधिकारियों ने कहा था कि डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय में 26 नवंबर को हुई घटना में पीड़ित को बेरहमी से प्रताड़ित किया गया था, जिसके बाद उसने खुद को बचाने के लिए छात्रावास की दूसरी मंजिल से छलांग लगा दी थी.