अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक अदालत) अरविंद शुक्ला ने शनिवार को सजा सुनाई।
सरकारी वकील सुरेश बाबू साहू ने रविवार को बताया कि थाना हाफिजगंज में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक कस्बा रिठौरा निवासी एक महिला के पति की मौत के बाद अभियुक्त रिजवान ने हमदर्दी जताकर महिला से संपर्क बनाया और शादी का झांसा देकर उससे शारीरिक संबंध बनाए।
आरोप के अनुसार रिज़वान ने जमीन काम करने के लिए दो लाख रुपये भी महिला से ले लिए और रुपये वापस मांगे तो टाल दिया।
प्राथमिकी के मुताबिक महिला ने जब रिजवान पर शादी का दबाव बनाया तो बहन की शादी के बाद उससे शादी करने की बात कही और झांसा देकर दुष्कर्म करता रहा।
आरोप के मुताबिक 15 मई 2015 को पीड़िता रिजवान की शिकायत करने उसके भाई इमरान के पास गई तो उसने (इमरान) उसे अकेला पाकर कमरे में बुलाकरदरवाजा बंद कर लिया और उसके मुंह में कपड़ा ठूंस कर दुष्कर्म किया।
पुलिस में शिकायत पर जान से मारने की धमकी दी। इस मामले में पीड़िता की ओर से सरकारी वकील सुरेश बाबू ने पक्ष रखा।
अदालत ने अभियुक्त रिजवान और इमरान को दोषी ठहराते हुए दोनों को 10-10 साल कैद की सजा सुनाई और दोनों पर दस - दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया। इसके अलावा अदालत ने अभियुक्त रिजवान पर 500 रूपये का अतिरिक्त दंड भी लगाया है।
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