गोपेश्वर, 23 दिसंबर उत्तराखंड के चमोली जिले के खैनुरी गांव में माता-पिता की मौत के बाद अनाथ हुए दो बच्चों को मिशन वात्सल्य योजना के तहत हर महीने चार-चार हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।
गोपेश्वर में अधिकारियों ने बताया कि चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी की स्वीकृति के बाद बच्चों को इसी माह से आर्थिक सहायता मिलने लगेगी।
खैनुरी गांव के रहने वाले नैन सिंह की इस साल अक्तूबर में बीमारी से मौत हो गई थी, जबकि उसकी पत्नी कुसम देवी 2020 में ही गुजर गई थी।
माता-पिता की मौत के बाद संजना (15), साक्षी (13) और आयुष (10) अनाथ हो गए थे तथा उनके सामने जीवन निर्वाह का संकट खड़ा हो गया था।
सोशल मीडिया के माध्यम से यह मामला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संज्ञान में आया, जिसके बाद उनके निर्देश पर जिलाधिकारी ने राजस्व विभाग की टीम को गांव भेजा। टीम ने गांव में जाकर पड़ताल की और बच्चों के भरण-पोषण के लिए आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई।
इसके अलावा, तहसील से बच्चों के सभी आवश्यक प्रमाण पत्र भी बनवाए गए। जिलाधिकारी ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को बच्चों को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित मिशन वात्सल्य योजना से जोड़ने के निर्देश दिए।
अधिकारियों के मुताबिक, योजना के तहत दो बच्चों को हर महीने चार-चार हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।
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