देश की खबरें | जम्मू-कश्मीर में भूस्खलन से दो की मौत, हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी के कारण 400 सड़कें हुई बाधित

नयी दिल्ली, 22 फरवरी जम्मू और श्रीनगर में बृहस्पतिवार को भूस्खलन और हिमस्खलन में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि भारी बर्फबारी और बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश में कम से कम 400 सड़कें प्रमुख मार्गों से कट गईं।

जम्मू-कश्मीर में बर्फ से ढके दो स्थानों से 80 से अधिक लोगों को बचाया गया, जबकि सिक्किम में असाधारण भारी बर्फबारी के कारण एक रणनीतिक रूप से अहम सड़क टूट गई और सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।

वहीं, राष्ट्रीय राजधानी में मौसम सुहाना रहा और अधिकतम तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से एक डिग्री अधिक है।

जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में बृहस्पतिवार को हिमस्खलन की चपेट में आकर एक रूसी स्कीयर की मौत हो गई, जबकि एक स्थानीय गाइड सहित सात लोगों को बचा लिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि हिमस्खलन ने ‘आर्मी रिज’ के नजदीक अफरवात चोटी के खिलानमार्ग को अपराह्न दो बजे अपनी चपेट में ले लिया और भीषण बर्फ में कई स्कीयर दब गए।

पुलिस के मुताबिक, सात रूसी नागरिकों का समूह एक स्थानीय गाइड के साथ आर्मी रिज के उस क्षेत्र में चला गया, जहां स्की नहीं की जा सकती तथा जो हिमस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील होता है।

गुलमर्ग पुलिस थाना के प्रभारी हारून कर ने बताया, ‘‘उस इलाके में पहले ही हिमस्खलन की चेतावनी दी गई थी, इसके बावजूद वे (लोग) उस इलाके में गए और दुर्भाग्य से एक स्कीयर की मौत हो गई।’’

उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मी, सेना के जवान और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के गश्ती दल फंसे हुए स्कीयर को बचाने के लिए सयुंक्त रूप से अभियान चला रहे हैं।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतक की पहचान रूस के मॉस्को निवासी हेंटेन के तौर पर की गई है और उसके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए तंगमार्ग उप-जिला अस्पताल ले जाया गया है।

उन्होंने बताया कि बचाए गए लोगों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है और एक विदेशी को विशेष इलाज के लिए श्रीनगर स्थानांतरित किया गया है।

कश्मीर घाटी में बर्फबारी के कारण लगातार चौथे दिन बंद रहे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन में एक निर्माण श्रमिक की मौत हो गई। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों के मुताबिक भारतीय सेना ने काजीकुंड में बर्फबारी में फंसे हुए 80 से अधिक लोगों को बचाया।

पुलिस ने बताया कि श्रमिक की पहचान उत्तर प्रदेश निवासी देशपॉल (31) के रूप में हुई है, जो सुबह करीब 8.30 बजे रामबन जिले में सेरी के पास अपने कंपनी मुख्यालय के बाहर भूस्खलन की चपेट में आ गया।

उन्होंने बताया कि मृतक सुबह जलपान के लिए कंपनी के मेस की ओर जा रहा था तभी यह घटना हुई। मृतक का शव बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल ले जाया गया।

काजीगुंड में सेना के जवानों ने भूस्खलन और बर्फीले तूफान के कारण पिछले तीन दिनों से जम्मू-कश्मीर राजमार्ग पर फंसे 80 से अधिक छात्रों और संकाय कर्मचारियों को बचा लिया।

अधिकारियों ने कहा कि बुधवार को भारी बर्फबारी और भूस्खलन के कारण सड़कें अवरुद्ध होने से कई यात्री जोखिम भरे जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर फंस गए, जिनमें राजस्थान लॉ कॉलेज के 74 छात्र और उसके सात अन्य कर्मचारी सदस्य भी शामिल थे।

बर्फबारी में फंसे एक छात्र ने कहा, ‘‘ बनिहाल पार करने के बाद हमारी गाड़ी के ठीक 500 मीटर पहले भूस्खलन हुआ, जिससे हम डर गए। ’’

यातायात विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से हर मौसम में जोड़ने वाली एकमात्र सड़क 270 किलोमीटर लंबा राजमार्ग बनिहाल के पास किश्तवारी पाथेर में ताजा भूस्खलन के बाद चौथे दिन भी बंद है।

उन्होंने कहा, ‘‘ सड़क मरम्मत का काम प्रगति पर है और इसमें कुछ समय लगेगा। ’

मौसम विभाग कार्यालय ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अधिकांश हिस्से कड़ाके की ठंड की चपेट में हैं क्योंकि कुछ इलाकों में बर्फबारी और बारिश के बाद न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है।

लाहौल और स्पीति का कुकुमसेरी शून्य से 14.6 डिग्री नीचे तापमान के साथ राज्य में सबसे ठंडा स्थल रहा, जबकि कई ऊंचाई वाले जनजातीय क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान हिमांक बिंदु से 15 से 20 डिग्री नीचे रहा।

खबरों के मुताबिक, लाहौल और स्पीति जिले के जबरांग गांव के ऊपर धूनी पर्वत पर हिमस्खलन हुआ। घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, चार राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 400 सड़कें अभी भी बंद हैं और 289 ट्रांसफार्मर और 11 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हैं।

लाहौल और स्पीति में 288 सड़कें अवरुद्ध हैं, जिनमें ग्राम्फू-लोसर में 505 और दारचा-सरचू में तीन सड़कें शामिल हैं, इसके बाद चंबा में 83 और कुल्लू में 21 सड़कें अवरुद्ध हैं।

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि उत्तरी और पूर्वी सिक्किम में भारी बर्फबारी के कारण रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कई सड़कें अवरुद्ध हो गईं।

इस बीच, दिल्ली की वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार को "खराब" से सुधरकर "मध्यम" श्रेणी में आ गई और अधिकतम तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया, जो सामान्य से एक डिग्री अधिक है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 145 के साथ "मध्यम" श्रेणी में दर्ज किया गया।

शून्य और 50 के बीच एक एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार दिन के दौरान आर्द्रता 84 प्रतिशत से 30 प्रतिशत के बीच रही। जबकि दिल्ली में न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 10.8 डिग्री सेल्सियस रहा।

मौसम विभाग ने दिल्ली में शुक्रवार को प्रमुख रूप से आसमान साफ रहने का अनुमान लगाया है, जबकि न्यूनतम और अधिकतम तापमान क्रमश: नौ और 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है।

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