नयी दिल्ली, 10 नवंबर दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन से जुड़े एक धनशोधन मामले के दो आरोपियों ने बृहस्पतिवार को दिल्ली की एक अदालत से उनकी जमानत मंजूर करने का अनुरोध किया। उन्होंने दलील दी कि उन्हें अब और समय तक हिरासत में रखने से किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी।
आरोपी अंकुश जैन और वैभव जैन ने विशेष न्यायाधीश विकास ढुल से कहा कि जांच के लिए अब उन्हें और हिरासत में रखे जाने की आवश्यकता नहीं है। ये दोनों आरोपी आम आदमी पार्टी (आप) के नेता जैन के साथ तिहाड़ जेल में हैं।
दोनों आरोपियों की ओर से अदालत में पेश हुए वकील ने कहा, ‘‘जांच पहले ही पूरी हो चुकी है और आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है। आरोपियों को अब हिरासत में रखे जाने की आवश्यकता नहीं है।’’
ऐसी संभावना जताई जा रही है कि जैन अपनी जमानत याचिका के समर्थन में शुक्रवार को दलील पेश करेंगे।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को अदालत से कहा था कि जैन को तिहाड़ जेल में विशेष सुविधाएं मिल रही हैं। ईडी ने जैन की याचिका के विरोध में अपनी दलीलें पेश करते हुए यह आरोप लगाया था। निदेशालय ने दावा किया कि जैन के विरूद्ध स्पष्ट तौर पर धनशोधन का मामला बनता है।
ईडी ने अंकुश और वैभव की जमानत याचिकाओं का भी विरोध किया और कहा कि वे रिहा होने पर न्याय से बच कर भाग सकते हैं या सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं।
ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के आधार पर जैन एवं अन्य को धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत धनशोधन के मामले में गिरफ्तार किया था। जैन पर आरोप है कि उन्होंने अपने से जुड़ी चार कंपनियों के मार्फत धनशोधन किया। सीबीआई ने 2017 में जैन के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की थी।
अदालत ने इससे पहले ईडी को आबकारी नीति मामले में जैन से पूछताछ करने की इजाजत दी थी। ईडी ने जेल के अंदर 16 सितंबर को जैन से पूछताछ की थी।
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