मुंबई, 11 जनवरी मुंबई की एक सत्र अदालत ने सोमवार को ब्रॉडकास्ट आडिएंश रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता को अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया।
अदालत दासगुप्ता की जमानत याचिका पर निर्णय करने के लिए 15 जनवरी को अगली सुनवाई करेगी।
दासगुप्ता ने जमानत का आग्रह करते हुए अपनी याचिका में अदालत से कहा कि उनकी उम्र 55 वर्ष हो गई है और वह मधुमेह एवं दूसरी अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं।
उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ आरोप ‘‘अटकलों’’ पर आधारित हैं।
उनके वकील शार्दूल सिंह ने सत्र अदालत के न्यायाधीश एम. ए. भोंसले से कहा कि अभियोजन के आरोप के मुताबिक दासगुप्ता के खिलाफ ठगी का अपराध नहीं बनता है।
उन्होंने कहा कि चूंकि मामले में आरोपपत्र और पूरक आरोपपत्र दाखिल हो चुका है इसलिए दासगुप्ता को जमानत पर बाहर जाने दिया जाना चाहिए और कहा कि मामले में कई सह आरोपियों को जमानत दी जा चुकी है।
विशेष लोक अभियोजक शिशिर हीरे ने अदालत से कहा कि सोमवार को पुलिस ने पांच हजार से अधिक पन्नों का पूरक आरोपपत्र दायर किया है और इसे पढ़ने के लिए उन्हें समय की जरूरत है।
न्यायाधीश भोंसले ने कहा कि सभी पक्षों को सुने बगैर वह जमानत देने के इच्छुक नहीं हैं।
टीआरपी धोखाधड़ी का मामला पिछले वर्ष अक्टूबर में सामने आया था जब बार्क ने हंस रिसर्च समूह के माध्यम से शिकायत कर आरोप लगाया कि कुछ चैनल, टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) में धोखाधड़ी कर रहे हैं।
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