नयी दिल्ली, 23 जुलाई तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शांतनु सेन को उच्च सदन में उनके कल के आचरण के लिए निलंबित किए जाने के विरोध में, तृणमूल एवं अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक शुक्रवार को 11 बज कर करीब 25 मिनट पर दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
हंगामे के कारण सदन में आज भी शून्यकाल नहीं हो पाया।
बैठक शुरू होने पर सभापति ने इस पर गहरा क्षोभ व्यक्त किया कि संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बाद अब तक केवल कोविड-19 महामारी के मुद्दे पर चार घंटे की चर्चा हो पाई है और इसके अलावा कोई अन्य कामकाज हंगामे की वजह से नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी की विभीषिका के बीच यह सत्र आयोजित हुआ है और जनता से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जानी है।
सभापति ने बृहस्पतिवार को हुई घटना का जिक्र किया और इसे अशोभनीय बताया। सभापति ने कहा कि कल जो कुछ हुआ, निश्चित रूप से उससे सदन की गरिमा प्रभावित हुई।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कल की घटना को लेकर तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शांतनु सेन को सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए जाने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद नायडू ने सेन को सत्र की शेष अवधि से निलंबित किए जाने की घोषणा की। इस पर तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने आपत्ति जताई और हंगामा शुरू कर दिया।
सभापति ने सदस्यों से शांत रहने और कामकाज चलने देने की अपील की। लेकिन सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने बैठक को 11 बज कर करीब 25 मिनट पर दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
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