शिवसेना के राजेंद्र गावित ने महाराष्ट्र में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय खोलने की मांग की।
राकांपा की सुप्रिया सुले ने कहा कि केंद्रीय आदिवासी विश्वविद्यालयों में अनुसंधान को बढावा देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक आदेश निकाला है कि देश के कॉलेजों में सेल्फी प्वाइंट बनाए जाएंगे जहां छात्र प्रधानमंत्री की तस्वीर के साथ अपनी सेल्फी खींच सकते हैं।
सुले ने कहा कि कॉलेजों में सेल्फी प्वाइंट की क्या जरूरत है? उन्होंने कहा कि बच्चों को सेल्फी खींचने के लिए नहीं, बल्कि पढ़ाई के लिए कॉलेज भेजा जाता है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हम सभी के हैं, पूरे देश के हैं, लेकिन इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
इस पर शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने कहा कि इसके पीछे उद्देश्य है कि छात्रों को विकसित भारत की सेवा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
सुले ने कहा कि शिक्षा समावेशी होनी चाहिए और सरकार को इस संबंध में समग्र विधेयक लाना चाहिए।
भाजपा के राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा कि अगर बच्चे प्रधानमंत्री की तस्वीर के साथ सेल्फी खिंचाते हैं तो इसमें क्या तकलीफ है।
उन्होंने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि बिहार और देश के अनेक राज्यों में कॉलेजों में शिक्षण सत्र देरी से चलते हैं और परीक्षा नहीं हो पाती क्योंकि छात्रों की उपस्थिति पर्याप्त नहीं होती, वहीं निजी कोचिंग संस्थान खचाखच भरे रहते हैं।
रुड़ी ने कहा कि यदि डिग्री की बाध्यता को समाप्त कर दिया जाए तो बिहार में छात्र कॉलेज ही नहीं जाएं और कोचिंग में पढ़कर ही निकल जाएं।
उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था की कमी है और कोचिंग करते हुए छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेते हैं तो कॉलेजों का क्या महत्व है?
चर्चा में बीजू जनता दल के चंद्रशेखर साहू, भारत राष्ट्र समिति के बी.बी. पाटिल और जनता दल (यूनाइटेड) के आलोक कुमार सुमन ने भी भाग लिया।
चर्चा अधूरी रही।
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