देश की खबरें | ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न के इस्तेमाल पर राकांपा (एसपी) की याचिका पर 24 अक्टूबर को सुनवाई करेगी शीर्ष अदालत

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (एसपी) की उस याचिका पर 24 अक्टूबर को सुनवाई करेगी, जिसमें महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई गई है।

इस याचिका को न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ के समक्ष तत्काल सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया गया।

शरद पवार गुट की ओर से पेश वकील ने पीठ को सूचित किया कि मामला आज (22 अक्टूबर) सूचीबद्ध किया जाना था, लेकिन वाद-सूची में इसका जिक्र नहीं है।

उन्होंने दलील दी कि याचिका में राकांपा के दोनों गुटों को ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न का इस्तेमाल न करने का निर्देश देना का अनुरोध किया गया है।

पीठ ने कहा, “इस मुद्दे पर हमने पहले एक विस्तृत आदेश पारित किया था... यह एक तरह का सहमति आदेश था।”

शरद पवार गुट के वकील ने दावा किया कि अजित पवार नीत गुट शीर्ष अदालत के आदेश पर अमल नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि मामले की तत्काल सुनवाई किए जाने की जरूरत है, क्योंकि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 29 अक्टूबर है।

अजित पवार गुट की पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि पार्टी के कुछ उम्मीदवार विधानसभा चुनाव के लिए पर्चा दाखिल कर चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रतिद्वंद्वी गुट ने ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न पर कब्जा करने के लिए यह याचिका दायर की है।

पीठ ने कहा कि वह इस मामले पर 24 अक्टूबर को सुनवाई करेगी।

शरद पवार ने निर्वाचन आयोग के छह फरवरी के उस आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है, जिसके तहत अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को असली राकांपा के रूप में मान्यता दी गई थी।

आयोग ने राकांपा का ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न भी अजित पवार नीत गुट को आवंटित कर दिया था। 19 मार्च को शीर्ष अदालत ने शरद पवार गुट को अपने नाम के रूप में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) का इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी और उसे चुनाव चिह्न ‘तुरहा बजाता व्यक्ति’ आवंटित किया था।

उच्चतम न्यायालय ने शरद पवार गुट की उस याचिका पर यह आदेश पारित किया था, जिसमें अजित पवार गुट को चुनाव में ‘घड़ी’ चिह्न का इस्तेमाल करने से रोकने का अनुरोध किया गया था।

शीर्ष अदालत ने कहा था कि अजित पवार गुट राजनीतिक लाभ के लिए शरद वार के नाम और तस्वीर का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा।

शरद पवार ने कांग्रेस से निष्कासन के बाद 1999 में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पूर्णो संगमा और तारिक अनवर के साथ राकांपा की स्थापना की थी।

जुलाई 2023 में अजित पवार ने राकांपा में बगावत कर दी थी और पार्टी के अधिकतर विधायकों के साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए थे।

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