परिवार संग समय बिताने के लिए ट्रेन में बम होने के झूठे ट्वीट किये, दो सफाईकर्मी गिरफ्तार
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

इंदौर, 20 मई : मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की शासकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने गोरखपुर-बांद्रा एक्सप्रेस में बम रखा होने के बारे में चार झूठे ट्वीट करने के आरोप में एक निजी ठेकेदार कंपनी के दो सफाईकर्मियों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया. जीआरपी की एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने अलग-अलग स्टेशनों से इस यात्री ट्रेन की रवानगी में देर कराने की नीयत से ये झूठे ट्वीट किए ताकि वे अपने-अपने परिवार के साथ समय गुजार सकें. जीआरपी की इंदौर इकाई की पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने संवाददाताओं को बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मिलन रजक (44) और प्रमोद माली (25) के रूप में हुई है. गुप्ता ने बताया कि रजक के ट्विटर खाते से 11 मई और 18 मई को अलग-अलग अंतराल में चार झूठे ट्वीट किए गए. उन्होंने कहा कि इन ट्वीट में लिखा था कि गोरखपुर-बांद्रा एक्सप्रेस में बम रखा है और इसमें सवार यात्रियों की जान बचाई जाए.

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इन ट्वीट के बाद दोनों तारीखों को रतलाम और अन्य रेलवे स्टेशनों पर बम निरोधक दस्ते की मदद से यात्री गाड़ियों की जांच की गई. लेकिन ट्रेन में कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली. उन्होंने बताया कि गोरखपुर-बांद्रा एक्सप्रेस में बम रखा होने के सिलसिलेवार ट्वीट को पहले हम आतंकी जुड़ाव के संदेह से देख रहे थे. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ पर पता चला कि अपने-अपने परिवार के साथ समय बिताने की नीयत से उन्होंने झूठे ट्वीट किए. गुप्ता ने बताया कि माली ने बम की अफवाह के बारे में ट्वीट करने के लिए रजक के मोबाइल फोन और उसके ट्विटर खाते का इस्तेमाल किया था. उन्होंने बताया,"माली की पत्नी ने हाल ही में संतान को जन्म दिया है और दूरस्थ गंतव्यों वाली यात्री गाड़ियों में सफाई के पेशे के कारण वह परिवार को पर्याप्त समय नहीं दे पा रहा था." यह भी पढ़ें : राजा वडिंग, प्रताप सिंह बाजवा ने सिद्धू का समर्थन किया, कहा- अपनी पार्टी के सहकर्मी के साथ खड़े हैं

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि माली और रजक मुंबई के रहने वाले हैं और उनके मुताबिक गोरखपुर-बांद्रा एक्सप्रेस के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के महज दो घंटे बाद उन्हें ठेकेदार कंपनी द्वारा दूसरी यात्री ट्रेन पश्चिम एक्सप्रेस में सफाई के लिए रवाना कर दिया जाता है. गुप्ता ने बताया कि दोनों आरोपियों ने इस नीयत से झूठे ट्वीट किए कि गोरखपुर-बांद्रा एक्सप्रेस अपने तय समय के मुकाबले देर से बांद्रा पहुंचे उन्हें पश्चिम एक्सप्रेस में सफाई के लिए सवार नहीं होना पड़े और वे घर पहुंचकर अपने परिवार के साथ समय बिता सकें. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपियों के झूठे ट्वीट के कारण गोरखपुर-बांद्रा एक्सप्रेस संबंधित तारीखों को काफी देरी से बांद्रा के अंतिम गंतव्य पर पहुंची. गुप्ता ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और रेल अधिनियम के संबद्ध प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.