नागपुर, नौ जनवरी महाराष्ट्र के वन मंत्री गणेश नाइक ने नागपुर जिले के एक वन्य प्राणी बचाव केंद्र में ‘एवियन इन्फ्लूएंजा’ से तीन बाघों और एक तेंदुए की मौत के संबंध में बृहस्पतिवार को कहा कि संभवतः चिकन खाने के बाद वे संक्रमण का शिकार हुए।
मंत्री ने चंद्रपुर के अपने दौरे से पहले नागपुर में संवाददाताओं से कहा कि प्रयोगशाला से रिपोर्ट अभी नहीं आई है और ऐसे में इसकी पुष्टि होना अभी बाकी है।
उन्होंने कहा कि संबंधित चिड़ियाघरों के अधिकारियों को जानवरों को कुछ भी खिलाने से पहले उसकी जांच करने को कहा गया है और जिन चिड़ियाघरों में यह घटना हुई उन्हें अस्थाई रूप से बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।
उपरोक्त जानवरों की मौत के बारे में पूछे जाने पर नाइक ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘मुझे अभी तक प्रयोगशाला से कोई रिपोर्ट नहीं मिली है, लेकिन प्रारंभिक जानकारी के अनुसार संभवत: वे चिकन खाने के बाद संक्रमित हुए। हालांकि, अभी इस कारण की पुष्टि नहीं हुई है।’’
मंत्री ने कहा कि वन अधिकारी उन्हें दिन में मामले के बारे में जानकारी देंगे।
उन्होंने कहा कि विस्तृत जांच के बाद अधिक जानकारी उपलब्ध होगी।
मानव-पशु संघर्ष की घटनाओं के बाद तीन बाघ और एक तेंदुए को चंद्रपुर से गोरेवाडा वन्य प्राणी बचाव केंद्र में स्थानांतरित किया गया था।
पिछले महीने के अंत में बचाव केंद्र में बाघों और तेंदुए की मौत हो गई थी। गोरेवाडा परियोजना के मंडल प्रबंधक शतानिक भागवत ने सोमवार को कहा था कि उनके नमूने जांच के लिए भोपाल भेजे गए और दो जनवरी को प्राप्त जांच रिपोर्ट से पुष्टि हुई कि वे एच5एन1 वायरस से संक्रमित थे।
उन्होंने बताया कि केंद्र ने एक प्रराशर्म जारी किया है जिसमें चिड़ियाघरों को एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया गया है और केंद्र तथा राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार कीटाणुनाशन प्रक्रिया जारी है।
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