श्रीनगर, 12 अक्टूबर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार को कहा कि इसने शोपियां जिले में एक मदरसे के तीन शिक्षकों पर कड़े जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया है। इसके छात्रों और पूर्व छात्रों के आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने के बाद उन पर मामला दर्ज किया गया।
इसके पूर्व छात्रों में सज्जाद भट भी शामिल है, जो फरवरी 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला करने का आरोपी है। हमले में बल के 40 जवान शहीद हो गए थे।
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कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) विजय कुमार ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि स्कूल प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी से संबद्ध है।
कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्कूल का नाम सिराज उलूम इमाम साहिब है। ऐसा नहीं है कि इस स्कूल पर नजर नहीं थी। हमने स्कूल के तीन शिक्षकों अब्दुल अहद भट, रउफ भट और मोहम्मद युनूस वानी पर पीएसए के तहत मामला दर्ज किया है।’’
उन्होंने कहा कि स्कूल के करीब आधा दर्जन अन्य शिक्षकों पर नजर रखी जा रही है।
आईजीपी ने कहा, ‘‘स्कूल के पांच-छह शिक्षकों (के व्यवहार पर) नजर है (सीआरपीसी की धारा 107 के तहत)। मूलत: स्कूल जमात ए इस्लामी से संबद्ध है। इस पर नजर है और फिलहाल हम व्यक्तियों पर कार्रवाई कर रहे हैं और जरूरत पड़ने पर हम स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।’’
आपराधिक दंड संहिता (सीआरपीसी) की धारा 107 किसी तरह की शांति भंग होने की आशंका से जुड़ी हुई है।
दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में यह मदरसा जांच एजेंसियों की नजर में तब आया जब इसके 13 छात्र आतंकवादी संगठनों में शामिल पाए गए।
अधिकारियों ने बताया कि स्कूल में अधिकतर छात्र कुलगाम, पुलवामा और अनंतनाग जिलों के हैं, जिन्हें सुरक्षा एजेंसियां आतंकवाद का गढ़ मानती हैं और यहां के स्थानीय लोग विभिन्न आतंकवादी समूहों में शामिल पाए जाते हैं।
जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत अधिकारियों को अधिकार है कि किसी भी व्यक्ति को बिना सुनवाई के दो वर्षों तक हिरासत में रख सकते हैं।
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