प्रदर्शनकारी शनिवार को सड़कों पर उतरे। उन्होंने नेतन्याहू के प्रधानमंत्री पद पर बने रहने का विरोध किया, क्योंकि वह आपराधिक मामले के संदिग्ध हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि गठबंधन सरकार को लेकर बनी सहमति ‘‘लोकतंत्र को कुचलती’’ है, क्योंकि इससे नेतन्याहू न्यायाधीशों और विधि अधिकारियों की नियुक्ति में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर पाएंगे और ये न्यायाधीश एवं अधिकारी नेतन्याहू को कानूनी संकटों से बाहर निकलने में मदद करेंगे।
नेतन्याहू पर धोखाधड़ी, विश्वासघात और रिश्वत लेने के आरोप हैं। हालांकि उन्होंने आरोपों से इनकार किया है।
प्रदर्शनकारी तेव अलीव के राबिन चौक पर एकत्र हुए, लेकिन वे कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू सामाजिक दूरी के नियम का पालन करते हुए एक-दूसरे से दूर खड़े थे और उन्होंने मास्क लगाया हुआ था। उन्होंने नेतन्याहू से पद छोड़ने की मांग की।
नेतन्याहू और ‘ब्लू एंड व्हाइट पार्टी’ के नेता बेनी गैंट्ज़ ने कई हफ्तों तक चली बातचीत के बाद गठबंधन सरकार बनाने संबंधी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।
एपी
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