देश की खबरें | संसद में पंजाब के बारे में बात नहीं करते पंथ के नाम पर वोट मांगने वाले : मान

बाबा बकाला (अमृतसर), 19 अगस्त पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को शिरोमणि अकाली दल पर संसद में राज्य से जुड़े मुद्दों को उठाने में विफल रहने का आरोप लगाया।

‘राखड़ पुनिया’ त्योहार के अवसर पर आयोजित राज्यस्तरीय समारोह की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि पंथवादी और पंजाब समर्थक होने का दावा करने वाले शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने कभी भी संसद में पंजाब से जुड़े मुद्दे नहीं उठाए।

मान ने कहा कि दिसंबर 2018 में उन्होंने संगरूर से लोकसभा सदस्य के तौर पर तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह के बेटों को उनके शहीदी दिवस पर श्रद्धांजलि देने की अपील की थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष ने सहमति जताई थी और संसद के इतिहास में पहली बार ‘साहिबजादों’ को उनके शहीदी दिवस पर श्रद्धांजलि दी गई।

हालांकि, मान ने कहा कि पंथक और पंजाब समर्थक होने का दावा करने के बावजूद अकाली दल ने संसद में ‘साहिबजादों’ को श्रद्धांजलि देने का कभी कोई प्रयास नहीं किया।

उन्होंने भाजपा की भी आलोचना की और कहा कि पार्टी उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा जैसे राज्यों में अपनी सरकारों का आत्मावलोकन करे।

इस मौके पर एक अलग सभा को संबोधित करते हुए शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि वह ‘खालसा पंथ’ के सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं करेंगे और हमेशा पंजाब के विकास के लिए प्रयासरत रहेंगे।

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष ने पंथ से अपने बीच मौजूद ‘‘गद्दारों’’ को पहचानने की अपील करते हुए कहा कि ‘‘ये लोग उन एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं जो शिरोमणि अकाली दल और सिख संस्थाओं को कमजोर करना चाहते हैं।’’

पूरे समुदाय से अंदर और बाहर से खतरे को पहचानने की अपील करते हुए बादल ने कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) को तोड़ दिया गया और एक सुनियोजित साजिश के तहत हरियाणा के लिए एक अलग गुरुद्वारा कमेटी का गठन किया गया।

बादल ने आरोप लगाया, ‘‘अब हमने यह भी देखा है कि कैसे संघ और भाजपा ने श्री हजूर साहिब कमेटी और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पर कब्जा कर लिया है। अगर हम अपनी संस्थाओं पर इस हमले को नहीं रोकेंगे तो इसके लिए हम खुद ही जिम्मेदार होंगे।’’

शिअद अध्यक्ष ने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकाल के दौरान बेअदबी की 17 घटनाएं हुई हैं, ‘‘लेकिन भगवंत मान ने कभी उनके खिलाफ आवाज नहीं उठाई और सरकार इन जघन्य कृत्यों के पीछे के दोषियों को पकड़ने में भी विफल रही है।’’

बादल ने यह भी कहा कि पिछले साढ़े सात साल के कांग्रेस और आप शासन के दौरान पंजाब सभी क्षेत्रों में नीचे चला गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस और आप दोनों ने बड़े-बड़े वादे किए, लेकिन किसानों का कर्ज माफ करने या राज्य को नशे से मुक्त करने में विफल रहे।’’

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