इस अक्षय तृतीया से स्वर्ण आभूषण बाजार में शुरू होगा डिजिटल लेनदेन का दौर: स्वर्ण परिषद
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नयी दिल्ली, 25 अप्रैल कोरोना वायरस महामारी के कारण देश में जारी लॉकडाउन के बीच इस अक्षय तृतीया से स्वर्ण आभूषण उद्योग में डिजिटल तौर तरीकों से लेनदेन के नये दौर की शुरुआत हो सकती है।

लाकडाउन के कारण दुकानें बंद हैं। अक्षय तृतीया को सोना और गहने खरीदने का शुभ अवसर माना जाता है, ऐसे में इस दिन आनलाइन खरीदारी जोर पकड़ सकती है।

अक्षय तृतीया का त्यौहार 26 अप्रैल रविवार को है।

इस बीच कुछ विश्लेषकों की राय में अन्य सम्पत्तियों में अनिश्चिता को देखते हुए सोना एक सुरक्षित निवेश बन गया है और निकट भविष्य में सोने के दाम 48,550 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकते हैं।

विश्व स्वर्ण परिषद के भारत स्थित प्रबंध निदेशक पी आर सोमासुदरंम ने कहा कि सोने के ऊंचे दाम, सामान की डिलीवरी में अड़चनें, शादी ब्याह को लेकर अनिश्चितता, कमाई के साधनों में कमी इस बार की अक्षय तृतीया में सोने की खरीदारी पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है।

हालांकि, कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि जब दुनिया में चौतरफा अनिश्चितता का दौर हो तो ऐसे समय सोने में आकर्षण बढ़ जाता है। एमके ग्लोबल फाइनेंसियल सविर्सिज के शोध प्रमुख राहुल गुप्ता का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से इस अक्षय तृतीया पर बेशक मांग कम रह सकती है लेकिन आने वाले समय में दाम ऊपर चढ़ेंगे।

गुप्ता की राय में ‘‘बीच बीच में दाम कुछ नीचे आ सकते हैं लेकिन कुल मिलाकर दाम ऊपर बने रहेंगे। घरेलू बाजार में सोना 47,300 से लेकर 48,550 रुपये प्रति दस ग्राम के स्तर को छू सकता है।’

उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े स्वर्ण समर्थित ईटीएफ एसपीडीआर गोल्ड ट्रस्ट होल्डिंग में भी तेजी आ सकती है। 22 अप्रैल 2020 को इस ईटीएफ में 1,042.46 टन सोने के सौदे थे। अकेले अप्रैल में इसमें आठ प्रतिशत की वृद्धि हुइ है।

सोमासुदरंम ने कहा कि इस अक्षय तृतीया को स्वर्ण उद्योग में आने वाले डिजिटल बदलाव के तौर पर देखा जा सकता है। नीतिगत स्तर पर इसे बेहतर भी कहा जा सकता है। यदि यह डिजिटल लेनदेन लंबे समय तक बरकरार रह सकती है तो पारदर्शिता के लिहाज से यह बेहतर बदलाव होगा साथ ही सोने के मौद्रीकरण के लिहाज से भी यह बेहतर होगा। यह काम ग्राहक के हितों को सुरक्षित रखने वाले स्वीकार्य नियामकीय ढांचे के साथ हो सकता है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंसियल सविर्सिज के उपाध्यक्ष (जिंस शोध) नवनीत दमाणी ने कहा कि वैश्विक आर्थिक वृद्धि को लेकर अनिश्चितता के दौर में सोने के दाम काफी आकर्षक सतर पर पहुंच गये हैं। जब भी वैश्विक अनिश्चितता बढ़ती है सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने की मांग बढ़ जाती है। पहले अमेरिका- चीन के बीच व्यापार तनाव, भू- राजनीतिक तनाव, केन्द्रीय बैंकों के आक्रामक कदम तथा कई अन्य कारकों को देखते हुये सोने में मांग तेजी से बढ़ी है।

दमाणी ने कहा है कि एक के बाद एक ऐसी घटनायें होती चलीं गई और इस साल कोरोना वायरस के फैलने से परिस्थितियां और भी जटिल हो गई। लॉकडाउन के दौरान जब सभी तरह के संपत्तियों के दाम रसातल पर पहुंच रहे थे तब मौजूदा परिस्थितियों में निवेशकों का ध्यान निवेश के दूसरे विकल्पों की तरफ जा रहा है। इनमें स्वर्ण प्रमाणपत्र, ईटीएफ, डिजिटल गोल्ड तथा बाजारों में सीधे आनलाइन खरीद- फरोख्त शामिल है।

दमाणी ने कहा कि निकट भविष्य में सोने को लेकर स्थिति बेहतर नजर आती है। जिसं बाजार में सोने का भाव 2,000 डालर से ऊपर निकल सकता है जबकि घरेलू बाजार में यह अगले 12 माह के दौरान 52,000 रुपये प्रति दस ग्राम के स्तर से ऊपर निकल सकते हैं।

वहीं निवेश परामर्श कंपनी मिलवुड केन इंटरनेशनल के संस्थापक एवं सीईओ नीश भट्ट का कहना है कि भारतीय संस्कृति में अक्षय तृतीया के अवसर पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। अक्षय तृतीया शादी के लिये भी शुभ दिन होता है। इसे निवेश के लिये भी शुभ समय माना जाता है। लेकिन इस साल स्थिति अलग है। कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है। आभूषणों की सीधे दुकानों से बिक्री संभव नहीं है। ऐसे में स्वर्ण आभूषण बेचने वाली कई बड़ी कंपनियां आनलाइन सोने की बिक्री, सोने के प्रमाणपत्र आदि जैसे उत्पाद लेकर आगे आये हैं।

भट्ट ने कहा कि सोना मुद्रास्फीति बढ़ने के बीच सुरक्षा देने का काम करता है। सोने का दाम अमेरिकी डालर में अंकित होता है इसलिये डालर के मुकाबले रुपये में होने वाली गिरावट से भी इसमें भारत में दाम बढ़ेंगी। पिछले साल पीली धातु का दाम 40 प्रतिशत से अधिक बढ़ा था। निकट भविष्य के लिये भी सोने को लेकर दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ है।

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