
नयी दिल्ली, 11 जुलाई कांग्रेस ने कर्नाटक में ‘गिग वर्कर’ की सामाजिक सुरक्षा से जुड़े विधेयक को ऐतिहासिक कदम करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इन कामगारों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह की एक कानूनी एवं सामाजिक सुरक्षा योजना की जरूरत है।
कर्नाटक सरकार ने ‘कर्नाटक प्लेटफॉर्म-आधारित गिग वर्कर (सामाजिक सुरक्षा और कल्याण) विधेयक, 2024’ का मसौदा पिछले महीने पेश किया था।
काम के बदले भुगतान के आधार पर रखे गए कर्मचारियों, खासतौर पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए डिलीवरी का काम करने वाले लोगों को गिग वर्कर कहा जाता है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ यह एक ऐतिहासिक कानून होगा जो राज्य में प्लेटफ़ॉर्म-आधारित गिग वर्कर को औपचारिक रूप से अधिकार और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करता है।’’
उनका कहना है कि इस कानून के तहत गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा और कल्याण कोष की स्थापना, गिग वर्कर्स के मुद्दों को प्रभावशाली ढंग से रखने के लिए गिग वर्कर कल्याण बोर्ड की स्थापना, सभी गिग वर्कर्स का सरकार के पास अनिवार्य पंजीकरण जैसे कदमों का प्रावधान किया गया है।
रमेश ने कहा, ‘‘लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के समय से भारत के गिग वर्कर की आवाज़ मजबूती से उठा रहे हैं। तेलंगाना और कर्नाटक की कांग्रेस सरकारें एवं राजस्थान की पिछली कांग्रेस सरकार ने गिग वर्कर को न्याय दिलाने के लिए मजबूत कानून बनाए। गिग श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा भी 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के न्याय पत्र द्वारा दी गई एक प्रमुख गारंटी थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकारों से जितना बने करें लेकिन गिग वर्कर के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक कानूनी और सामाजिक सुरक्षा योजना की आवश्यकता है। उनकी संख्या 2022 में 77 लाख थी, जो बढ़कर 2030 में लगभग 2.4 करोड़ होने का अनुमान है।’’
रमेश ने कहा, ‘‘गेंद केंद्र सरकार के पाले में है। उम्मीद है कि आगामी बजट में इस दिशा में सार्थक कदम उठाए जाएंगे।’’
हक
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