तालिबान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मान्यता देने की अपील की
तालिबान प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन (Photo: ANI)

बीजिंग, 20 अगस्त: तालिबान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से देश और विदेश में उसके खिलाफ बढ़ती नाराजगी के बीच उसे मान्यता देने की अपील की है. साथ ही तालिबान ने चीन को खुश करने की कोशिश में कहा कि चीन युद्ध से तबाह देश में उसके शासन के तहत एक ‘‘बड़ी भूमिका’’ निभा सकता है. तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ‘‘अफगान लोगों की इच्छा का सम्मान करना चाहिए’’ और आधिकारिक तौर पर उनके समूह को मान्यता देनी चाहिए जिसने काबुल में सत्ता संभाली है. शरीया कानून लागू करने की योजना के तहत तालिबान द्वारा महिलाओं की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने की बढ़ती चिंताओं को खारिज करते हुए शाहीन ने चीन के सरकारी ‘सीजीटीएन टीवी’ से कहा कि काबुल में नई तालिबान सरकार महिलाओं के शिक्षा और कामकाज के अधिकारों की रक्षा करेगी.

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक संगठनों से नई सरकार को धन जारी करने का भी आग्रह किया. शाहीन ने कहा, ‘‘चीन एक विशाल अर्थव्यवस्था और क्षमता वाला एक बड़ा देश है. वे अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले वर्षों के दौरान चीन और रूस के साथ हमारे संबंध रहे हैं. हमने उनसे कहा है कि उन्हें अफगानिस्तान को लेकर कोई चिंता नहीं होनी चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे अपने हित में देखते हैं कि हम किसी को भी हमारे पड़ोसी और क्षेत्रीय देशों के खिलाफ हमारी धरती का उपयोग करने की अनुमति न दें. यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है.’’

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शाहीन ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए भी हमें सभी देशों की मदद की जरूरत है.’’

राजनीतिक आयोग के प्रमुख मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के नेतृत्व में एक तालिबान प्रतिनिधिमंडल, जिसने पिछले महीने चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बातचीत के लिए चीन का दौरा किया था, ने शिनजियांग से उइगर मुस्लिम उग्रवादी समूह को ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ईटीआईएम) को अफगानिस्तान से अपनी गतिविधियों को संचालित करने की अनुमति नहीं देने का वादा किया था.

शाहीन ने कहा कि पूरे देश में समूह की प्रगति की गति राष्ट्रीय सरकार के सत्ता में आने को वैध बनाती है. उन्होंने कहा, ‘‘यह चुनाव नहीं है, बल्कि यह लोगों के समर्थन को दर्शाता है.’’ उन्होंने कहा कि चुनाव भविष्य के लिए एक सवाल है लेकिन वह ‘‘चुनाव से इनकार नहीं करेंगे. ’’उन्होंने दोहराया कि तालिबान महिलाओं को अपनी शिक्षा जारी रखने की अनुमति देगा और साथ ही उन्होंने विदेशी शक्तियों के साथ काम करने वालों को प्रताड़ित नहीं करने का संकल्प जताया.

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