जम्मू, 21 दिसंबर : जम्मू-कश्मीर में बिजली के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ विद्युत विकास विभाग (पीडीडी) के कर्मियों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी है. ‘पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड’ (पीजीसीआईएल) के साथ पीडीडी के प्रस्तावित विलय को रोकने के लिए प्रशासन से लिखित आश्वासन मिलने के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म की. सूत्रों ने बताया कि संभागीय आयुक्त राघव लंगर और एडीजीपी मुकेश सिंह के नेतृत्व में एक आधिकारिक टीम ने सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात को पीडीडी कर्मचारी संघ के महासचिव एस टिक्कू के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल से नए सिरे से बातचीत की और उन्हें लिखित आश्वासन दिया गया. उन्होंने बताया कि सरकार पीजीसीआईएल के साथ पीडीडी के प्रस्तावित विलय के फैसले को फिलहाल के लिए स्थगित करने और इस मामले पर गौर करने के लिए एक समिति का गठन करने को तैयार हो गई है.
एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म कर दी है और वे मंगलवार यानी आज से काम पर लौट आएंगे. उन्होंने बताया कि बिजली आपूर्ति बहाल करने का 80 फीसदी काम हो चुका है. जम्मू-कश्मीर में रविवार से लगातार तीन दिन से जारी बिजली कर्मियों की हड़ताल की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. हड़ताल खत्म होने से जनता को काफी राहत मिलेगी, क्योंकि घाटी में तापमान शून्य से नीचे है और बिजली की कटौती ने निवासियों के लिए विशेष रूप से जम्मू संभाग में, स्थिति को बदतर बना दिया था. हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को उनका वेतन भी दिया जाएगा. यह भी पढ़ें : देवबंद के मौलवियों ने लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने का किया विरोध
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा था कि केन्द्र शासित प्रदेश में 60 फीसदी बिजली आपूर्ति बहाल हो गई है और कल तक प्रशासन 100 प्रतिशत बिजली आपूर्ति बहाल कर लेगा. बिजली के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ रविवार से विद्युत विकास विभाग (पीडीडी) के कर्मी हड़ताल कर रहे थे, जिससे केन्द्र शासित प्रदेश में बिजली कि भयंकर किल्लत की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. जम्मू विश्वविद्यालय ने इस हड़ताल के मद्देनजर मंगलवार को होने वाली स्नातक एवं स्नातकोत्तर की ऑफलाइन एवं ऑनलाइन परीक्षाएं स्थगित कर दी है.