विकास दुबे को लेकर बड़ा खुलासा, महाकाल मंदिर के फूल बेचने वाले माली ने पुलिस को दी सूचना
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. मध्य प्रदेश में उज्जैन स्थित प्रसिद्ध महाकाल मंदिर परिसर के निर्गम गेट से कुख्यात अपराधी विकास दुबे की बृहस्पतिवार सुबह हुई गिरफ्तारी वहां फूल बेचने वाले राजेश माली उर्फ सुरेश माली के कारण संभव हो पायी।
भोपाल: मध्य प्रदेश में उज्जैन स्थित प्रसिद्ध महाकाल मंदिर परिसर के निर्गम गेट से कुख्यात अपराधी विकास दुबे की बृहस्पतिवार सुबह हुई गिरफ्तारी वहां फूल बेचने वाले राजेश माली उर्फ सुरेश माली के कारण संभव हो पायी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रसाद एवं फूल बेचने वाले सुरेश ने सबसे पहले विकास दुबे को देखा और उसकी पहचान करने के लिए मंदिर परिसर में तैनात कांस्टेबल घनश्याम मिश्रा को फोन करके सूचित किया। उसने पुलिस को बताया कि उक्त व्यक्ति कुछ-कुछ विकास दुबे जैसा दिख रहा है.
उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी मिलने के बाद घनश्याम ने फिर पुलिस चौकी में इसकी सूचना दी और साथ—साथ मंदिर के सुरक्षा गार्ड राहुल को इसके बारे में बताया. सूत्रों के अनुसार इसके बाद दुबे को महाकाल परिसर में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने मंदिर के निर्गम द्वार पर पकड़ा था और इस मौके पर उसकी सुरक्षाकर्मियों से हल्की झड़प भी हुई. यह भी पढ़े | ICSE 10th Result / ISC 12th Result 2020: सीआईएससीई कक्षा 10वीं और 12वीं परीक्षा के रिजल्ट कल दोपहर 3 बजे होंगे घोषित, cisce.org पर ऐसे देखें नतीजे.
वहीं, चश्मदीदों में से एक ने बताया कि इस दौरान दुबे ने भागने की कोशिश भी की थीहालांकि, मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल में मीडिया को बताया, ''मंदिर परिसर में तैनात हमारे एक कांस्टेबल घनश्याम को शक हुआ. यह सब प्राइमरी बात है। इसको अंतिम ना मानें. उन्होंने कहा, ''उसके दो साथी, बिट्टू और सुरेश, भी महाकाल (मंदिर) से गिरफ्तार किए गये हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या मंदिर समिति के लोगों ने भी पहचान की थी और पुलिस को इसके बारे में बताया तो मिश्रा ने कहा, ''बाद में सारे पहचान करते गये.
मंदिर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार होने से पहले दुबे आज सुबह करीब सात बजे महाकाल मंदिर के गेट पर पहुंचा था और मंदिर में वीआईपी गेट से प्रवेश करने के लिए मंदिर परिसर स्थित एक पुलिस पोस्ट के पास से 250 रूपये की रसीद भी कटवाई थी. उन्होंने कहा कि बाद में वह पास के ही एक दुकान पर गया था और वहां से महाकाल मंदिर में चढ़ाने के लिए प्रसाद एवं फूल खरीदा था। इस दौरान इस दुकानदार ने उसे पहचान लिया और पुलिस को सूचित किया. सूत्रों के अनुसार, ''इसके बाद पुलिस ने उससे उसका नाम पूछा और उसने विकास दुबे बताया। इसके बाद महाकाल मंदिर परिसर में तैनात पुलिसकर्मियों एवं निजीसुरक्षा गार्डों ने उसे पकड़ लिया और वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दी.
इसके बाद एक सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि उसे पास के ही महाकाल पुलिस थाने में ले जाया गया।'' इसका फुटेज वायरस हुआ है जिसमें दुबे को पैदल थाने ले जाते हुए देखा जा सकता है. उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने मीडिया को बताया, ''दुबे को महाकाल में तैनात सुरक्षाकर्मी ने पकड़ा। मौके पर हल्की झड़प भी हुई. लॉकर रूम में काम करने वाले गोपाल कुशवाह ने कहा, ''विकास दुबे आया था और मुझसे पूछा था कि बैग एवं जूता कहां रखने है? मैंने बताया कि इस रैक पर रख दीजिए। वह बैग रख कर चला गया.
मंदिर परिसर में तैनात पुलिसकर्मी विजय राठौर ने बताया, ''मेरी ड्यूटी मंदिर में वीवीआईपी प्रवचन हाल गेट पर थी। उस समय मुझे सूचना मिली कि एक व्यक्ति घूम रहा है जिसकी शक्ल विकास दुबे नामक अपराधी से मिलती है. मैंने उससे पहचानपत्र मांगा तो उसने नकली पहचानपत्र दिया। मैंने उसकी व्हाट्सऐप पर तस्दीक की, जहां उसकी तस्वीर देखी। मैंने तुरंत वरिष्ठ अधिकारी को सूचित किया और उसे उसे रोक लिया। वह धक्का देकर भाग रहा था, लेकिन हमने उसे पकड़ लिया।’’
वहीं, मंदिर में तैनात निजी सुरक्षा गार्ड लखन यादव ने मीडिया को बताया, ''दुबे के बारे में हमने विभाग के अधिकारी एवं पुलिस को बताया.
हम उसे सीसीटीवी में करीब दो घंटे तक देखते रहे. वह सुबह करीब सात बजे के आसपास आया.पहले उसने पीछे की गेट से आने की कोशिश की थी.पुलिस ने बताया कि पूछताछ के बाद दुबे को उत्तर प्रदेश पुलिस को सज्ञैंप दिया गया है. गौरतलब है कि दो-तीन जुलाई की दरमियानी रात करीब एक बजे दुबे को गिरफ्तार करने गए पुलिस दल पर उसके गुर्गों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलायीं जिसमें पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा सहित आठ पुलिसकर्मी मारे गए.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)