नयी दिल्ली, दो दिसंबर मानहानि के एक मामले में आरोपी आप नेता और मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को एक अदालत से कहा कि राजनीतिक मानहानि के मामलों का दायरा बहुत व्यापक है क्योंकि राजनीतिक दल सार्वजनिक विमर्श के विषय हैं।
दिल्ली की मुख्यमंत्री का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष यह दलील दी। गुप्ता, भाजपा के एक नेता की शिकायत पर एक मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा आतिशी को जारी समन के खिलाफ दलील पेश कर रहे थे।
वरिष्ठ वकील ने दलील दी कि शिकायतकर्ता प्रवीण शंकर कपूर की आतिशी द्वारा मानहानि नहीं हुई है क्योंकि उन्होंने कथित मानहानिकारक बयान भाजपा के खिलाफ दिया था।
उन्होंने दलील दी, ‘‘वह (कपूर) मानहानि के पीड़ित नहीं हैं। अपीलकर्ता ने भाजपा के खिलाफ बयान दिया था। यदि इसे (मानहानि को) सही माना जाए तो यहां भाजपा पीड़ित पक्ष है, जो शिकायत दायर कर सकती है...किसी राजनीतिक दल के लाखों सदस्य हो सकते हैं लेकिन सभी मानहानि की शिकायत नहीं दायर कर सकते, दायरा बहुत व्यापक है।’’
अदालत मामले में शिकायतकर्ता की दलीलें 16 दिसंबर को सुनेगी।
विशेष अदालत ने मजिस्ट्रेट अदालत में मामले की कार्यवाही पर 22 नवंबर को रोक लगा दी थी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता कपूर ने आतिशी और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर उनकी मानहानि करने का आरोप लगाया था।
आप नेताओं ने कथित तौर पर दावा किया था कि भाजपा ने दिल्ली सरकार को गिराने के लिए उसके कई विधायकों से संपर्क किया।
मजिस्ट्रेट अदालत ने 28 मई को आतिशी को समन जारी किया था, हालांकि उसने मामले में केजरीवाल को तलब नहीं किया था।
अदालत ने 23 जुलाई को आतिशी को जमानत दे दी थी, जब वह समन के बाद अदालत में पेश हुई थीं।
आतिशी ने कथित तौर पर दावा किया था कि भाजपा ने आप के 21 विधायकों से संपर्क किया और उनमें से प्रत्येक को पाला बदलने के लिए 25 लाख रुपये की पेशकश की।
आतिशी पर झूठे दावे करने का आरोप लगाते हुए, कपूर ने आपराधिक मानहानि की शिकायत के साथ अदालत का रुख किया था और दलील दी कि वह (आतिशी) अपने दावे के समर्थन में सबूत पेश करने में विफल रहीं।
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