ताजा खबरें | विपक्ष ने आर्थिक स्थिति को बताया चिंताजनक; भाजपा ने कहा, भारत विश्व अर्थव्यवस्था का लीडर बन रहा

नयी दिल्ली, पांच दिसंबर राज्यसभा में मंगलवार को विपक्ष ने दावा किया कि देश की आर्थिक प्रगति से केवल अमीरों को लाभ मिला है और विकास ‘बांटने वाला नहीं बल्कि सर्व समावेशी होना चाहिए’। वहीं सत्ता पक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विभिन्न नीतियों के कारण हुए विकास के चलते विश्व की प्रमुख एजेंसियां भी कहने लगी हैं कि भारत विश्व अर्थव्यवस्था का ‘लीडर’ बनकर उभर रहा है।

‘‘देश में आर्थिक स्थिति’’ पर राज्यसभा में अल्पकालिक चर्चा में भाग लेते हुए तृणमूल कांग्रेस सदस्य डेरेक ओब्रायन ने कहा कि यह निर्भर करता है कि आप अर्थव्यवस्था को किस निगाह से देखते हैं?

उन्होंने कहा कि यदि आप शेयर बाजार की दृष्टि से, किसी अरबपति की दृष्टि से देखते हैं तो अर्थव्यवस्था बहुत अच्छी है। उन्होंने कहा, ‘‘हम अरबपतियों के खिलाफ नहीं हैं। भारत में तीन साल पहले तक अरबपतियों की संख्या 142 थी जो अब बढ़कर 169 हो गयी है।’’

डेरेक ने कहा कि यदि आप देश के एक प्रतिशत अमीर लोगों की दृष्टि से अर्थव्यवस्था को देखते हैं, जिनके पास देश की संपदा का 40 प्रतिशत है, तो स्थिति काफी अच्छी है। उन्होंने कहा कि यदि वित्त मंत्री की दृष्टि से देखें तो अर्थव्यवस्था की स्थिति अच्छी है क्योंकि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की दर (चालू वित्त वर्ष की) दूसरी तिमाही में 7.6 प्रतिशत रही।

तृणमूल नेता ने कहा कि लेकिन यदि देश के किसी भी परिवार की दृष्टि से देखेंगे तो पायेंगे कि 2014 से लेकर 2023 के बीच चावल के दाम में 56 प्रतिशत की वद्धि हुई, गेहूं में 59 प्रतिशत, दूध में 61 प्रतिशत, टमाटर में 115 प्रतिशत, तूर (अरहर) दाल में 120 प्रतिशत वृद्धि हुई।

उन्होंने पश्चिम बंगाल में मनरेगा कामगारों को उनका पारिश्रमिक दो वर्ष से नहीं मिलने की ओर सदन का ध्यान दिलाया, जबकि उन्हें 15 दिन के भीतर भुगतान मिलने की गारंटी दी गयी थी। उन्होंने कहा कि इसके कारण केवल एक राज्य (पश्चिम बंगाल) का बकाया 15,000 करोड़ रूपये हो गया है और यदि इसमें अन्य राज्यों का बकाया जोड़ दिया जाए तो यह राशि और बढ़ जाएगी।

डेरेक ने कहा कि यदि आप युवक और युवतियों की दृष्टि से अर्थव्यवस्था को देखे तो 25 प्रतिशत युवाओं को बेरोजगार पाएंगे। उन्होंने सरकार से प्रश्न किया कि जो संपदा सृजित हुई है क्या उसका वितरण समान रूप से और न्यायोचित रूप से हो पाया है? उन्होंने कहा कि क्या यह लाभ ‘पिरामिड’ के निचले स्तर तक पहुंच पाया है?

उन्होंने दावा किया कि पिछले छह साल में पहली बार ग्रामीण मुद्रास्फीति की दर शहरी महंगाई दर से अधिक हो गयी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 में घरेलू बचत 50 साल के निम्नतम स्तर पर पहुंच गयी है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने से यह प्रश्न पूछना चाहिए कि हर दिन हमारे 150 किसान आत्महत्या क्यों कर रहे हैं?’’

डेरेक ने कहा कि भले ही शेयर बाजार और अरबपतियों की स्थिति बेहतर होती रहे किंतु समाज में हाशिये पर रहने वाले और कमजोर वर्गों के लिए अवश्य सोचा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में 23 करोड़ गरीब लोग हैं जो दुनिया में सबसे अधिक गरीब आबादी है। उन्होंने कहा कि देश की 50 प्रतिशत आबादी के पास देश की कुल तीन प्रतिशत संपदा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने को इस बात का स्मरण भी दिलाना चाहिए कि क्यों प्रत्येक चार में से तीन भारतीय संतुलित भोजन वहन नहीं कर पा रहा है...पांच वर्ष की आयु के तीन में से दो बच्चे भूख से क्यों मर जाते हैं?’’

डेरेक ने केंद्र और पश्चिम बंगाल के आर्थिक विकास की तुलना करते हुए कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर वर्तमान वित्त वर्ष में सात प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है, जबकि बंगाल चालू वर्ष में 8.4 प्रतिशत से विकास कर रहा है।

उन्होंने दावा कि बंगाल में यह जो विकास हो रहा है ‘यह बांटने वाला विकास न होकर समावेशी विकास है।’

चर्चा में भाग लेते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सुधांशु त्रिवेदी ने वर्तमान विश्व परिदृश्य में अमेरिका और चीन जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर धीमें पड़ने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विभिन्न नीतियों के कारण हुए विकास के चलते अब विश्व की प्रमुख एजेंसियां भी कहने लगी हैं कि भारत विश्व अर्थव्यवस्था का ‘लीडर’ बनकर उभर रहा है।

त्रिवेदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर 2023 में भारत की विकास दर 6.3 प्रतिशत रही जबकि अमेरिका समेत कई विकसित देशों में यह दर दो प्रतिशत से कम थी।

उन्होंने कहा कि चुनौतियां कितनी बड़ी हैं, इस बात से समझना चाहिए कि अमेरिका में दो बड़े बैंक सिग्नेचर बैंक और सिलिकन वैली बैंक डिफाल्टर (विफल) हो गये, चीन की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी एवर ग्रांड डिफाल्टर हो गयी। उन्होंने कहा कि यह दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की हालत है किंतु क्या भारत में ऐसा कोई उदाहरण मिला है?

त्रिवेदी ने कहा, ‘‘यह दर्शाता है कि कितनी विपरीत परिस्थितियों में हम कैसे आगे जा रहे हैं।’’

भाजपा सदस्य ने कहा कि आईएमएफ ने कहा है कि भारत की अनुमानित विकास दर 11.5 प्रतिशत होगी, चीन की आठ प्रतिशत, अमेरिका की 5.1 प्रतिशत हो सकती है और यह विश्व अर्थव्यवस्था की अगुवाई करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि हम विश्व अर्थव्यवस्था के लीडर बन उभर कर सामने आते जा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि यहां यह सोचने की जरूरत है कि यह क्यों हुआ? ‘यह इसलिए हुआ कि पिछले नौ सालों में प्रधानमंत्री मोदी ने व्यवस्थित नीतियां बनायी हैं।’ उन्होंने इस संदर्भ में जनधन खातों में जमा धनराशि का उल्लेख किया।

त्रिवेदी ने मोबाइल फोन की संख्या बढ़ने, मोबाइल फोन सैट के आयात की संख्या घटने, ऑटोमाबाइल वाहनों की संख्या बढ़ने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि अब इस बात की चर्चा होने लगी है कि चीन के बजाय भारत एशिया का विकास इंजन बनकर उभरेगा।

उन्होंने कहा कि पिछले माह दीपवाली और छठ पर्व के दौरान देश में चार लाख करोड़ रूपये खर्च किए गए, जिनमें छोटे सामान, घर के सामान, बरतन और सोना-जेवर की खरीद शामिल हैं।

भाजपा सदस्य ने 1991 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार काफी नीचे आ जाने और सोने को गिरवी रखे जाने की याद दिलाते हुए कहा, ‘‘एक 91 की दिवाली थी...एक वो भी दिवाली थी जब उजड़ा हुआ गुलशन था और रोता हुआ माली था, एक यह भी दिवाली है जब महका हुआ गुलशन है और ज्योत निराली है।’’

उन्होंने आईएमएफ सहित कई प्रसिद्ध विदेशी एजेंसियों की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है जबकि विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाएं नीचे की ओर जा रही हैं।

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