जरुरी जानकारी | ईपीएफओ से मार्च में जुड़ने वाले नये सदस्यों की संख्या मामूली रूप से घटकर 11.22 लाख रही

नयी दिल्ली, 20 मई कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से इस साल मार्च में शुद्ध रूप से 11.22 लाख कर्मचारी जुड़े। यह संख्या इसी साल फरवरी में ईपीएफओ से जुड़े 11.28 लाख कर्मचारियों के मुकाबले कम है।

नियमित वेतन पर रखे जाने वाले कर्मचारियों के बृहस्पतिवार को जारी आंकड़े (पेरोल आंकड़ा) से यह पता चला। यह आंकड़ा कोरोना महामारी के बीच संगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति को बताता है।

वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान ईपीएफओ ने कुल 77.08 लाख नये सदस्यों को जोड़ा जबकि एक साल पहले की अवधि में यह संख्या 78.58 लाख थी।

श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ईपीएफओ से वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कुल 77.08 लाख नये अंशधारक जुड़े। अस्थायी पेरोल आंकड़े के अनुसार ईपीएफओ ने मार्च, 2021 में 11.22 लाख नये अंशधारक जोड़े।’’

बयान में कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी के बावजूद शुद्ध रूप से वित्त वर्ष 2020-21 में जुड़े 77.08 लाख अंशधारकों की संख्या इससे पिछले साल के लगभग बराबर ही है।

वित्त वर्ष 2020-21 के पेरोल आंकड़े के तिमाही विश्लेषण से पता चलता है कि नियमित वेतन पर रखे जाने वाले कर्मचारियों की संख्या में दूसरी तिमाही से लगातार सुधार हो रहा है। पहली तिमाही में कोरोना वायरस महामारी के कारण असर पड़ा था।

बयान के अनुसार चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च, 2021) के दौरान सर्वाधिक 33.64 लाख नये अंशधारक ईपीएफओ से जुड़े। यह तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2020) के मुकाबले 37.44 प्रतिशत वृद्धि को बताता है।

मार्च महीने में जुड़े शुद्ध रूप से 11.22 लाख नये अंशधारकों मे से 7.16 लाख नये अंशधारक पहली बार ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में आये।

करीब 4.06 लाख अंशधारक ईपीएफओ के दायरे से बाहर हुए और उसके बाद ईपीएफओ के दायरे में आने वाले प्रतिष्ठानों से जुड़कर फिर उससे जुड़े। इन सदस्यों ने ईपीएफओ से पूरा पैसा निकालने के बजाए अपनी सदस्यता बरकरार रखी।

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