लगातार आक्रामक हो रही चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को स्वीकार करने का तर्क बेतुका है: माइक पोम्पिओ

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने इस बात पर जोर दिया कि स्वतंत्रता और अधिनायकवाद के बीच कोई समझौता नहीं हो सकता. इसके साथ ही उन्होंने इस तर्क को खारिज कर दिया कि तनाव को शांत कर लेना चाहिए और तेजी से आक्रामक हो रही चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को स्वीकार कर लेना चाहिए.

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Photo Credit- Instagram)

वाशिंगटन, 26 जून: अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) ने इस बात पर जोर दिया कि स्वतंत्रता और अधिनायकवाद के बीच कोई समझौता नहीं हो सकता. इसके साथ ही उन्होंने इस तर्क को खारिज कर दिया कि तनाव को शांत कर लेना चाहिए और तेजी से आक्रामक हो रही चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) को स्वीकार कर लेना चाहिए. डिजिटल ब्रसेल्स फोरम 2020 में पोम्पियो से पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा आज मेरा संदेश यह है कि हमें हमारे स्वतंत्र समाजों, हमारी समृद्धि और हमारे भविष्य को सुरक्षित रखने के हित में चीन की चुनौती के खिलाफ अंटलाटिक के दोनों तरफ जागरुकता को जारी रखने के लिए मिलकर काम करना होगा.

यह आसान नहीं होगा." इसी क्रम में, पोम्पियो ने घोषणा की कि अमेरिका ने चीन पर अमेरिका-यूरोपीय संघ संवाद स्थापित करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. उन्होंने कहा, "पश्चिम में और हमारे साझा लोकतांत्रिक आदर्शों पर चीन के खतरे को लेकर हमारी चिंताओं पर चर्चा करने के लिए इस नयी व्यवस्था को लेकर मैं उत्साहित हूं.

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उन्होंने कहा, "यूरोप में अमेरिका के दोस्तों को मेरा आमंत्रण हमारे समय के इन मूल्यों के संरक्षण के संबंध में है कि वे विश्व को भविष्य में अच्छा आकार देंगे जैसा कि उन्होंने पूर्व में किया है. हम साथ मिलकर इन मूल्यों की रक्षा करेंगे." पोम्पियो ने आरोप लगाया कि चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) उकसाने वाली सैन्य गतिविधियां संचालित कर रही है.

उन्होंने कहा, "इसमें दक्षिण चीन सागर में आक्रामकता बरकरार रखना, भारत के साथ हुआ घातक सीमा विवाद, अपारदर्शी परमाणु कार्यक्रम और शांतिपूर्ण पड़ोसियों के खिलाफ चेतावनी शामिल है." पोम्पियो ने आरोप लगाया कि सीसीपी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ), संयुक्त राष्ट्र और हांग कांग के लोगों के प्रति दर्शाई गई प्रतिबद्धताओं समेत कई अंतरराष्ट्रीय वादों को तोड़ा है.

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