सरकार के राहत पैकेज में स्वास्थ्य क्षेत्र की तात्कालिक जरूरतों का ध्यान नहीं रखा गया: फिच सॉल्युशंस

रेटिंग एजेंसी फिच सॉल्युशंस के मुताबिक सरकार के ताजा राहत पैकेज में स्वास्थ्य क्षेत्र की तात्कालिक जरूरतों को ध्यान नहीं रखा गया है. कोविड-19 महामारी के चलते इस क्षेत्र पर बहुत दबाव है. कोविड-19 महामारी जैसे अभूतपूर्व संकट की वजह से देश में स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की जरूरत को बल मिला है.

फिच सॉल्युशंस (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली, 21 मई:  रेटिंग एजेंसी फिच सॉल्युशंस के मुताबिक सरकार के ताजा राहत पैकेज में स्वास्थ्य क्षेत्र की तात्कालिक जरूरतों को ध्यान नहीं रखा गया है. कोविड-19 (Covid-19) महामारी के चलते इस क्षेत्र पर बहुत दबाव है. इस बारे में फिच समूह इकाई फिच सॉल्युशंस कंट्री रिस्क एड इंडस्ट्री रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की है.

रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने 11 मार्च को स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन को जीडीपी के मुकाबले 0.008 प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की थी, ताकि स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च को बढ़ाया जा सके. रिपोर्ट के मुताबिक यह कोई नया बजटीय आवंटन नहीं है, बल्कि मौजूदा खर्च को ही इधर-उधर करना है और सरकार का प्रोत्साहन पैकेज स्वास्थ्य क्षेत्र की तात्कालिक समस्याओं को दूर करने में सक्षम नहीं है.

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कोविड-19 महामारी जैसे अभूतपूर्व संकट की वजह से देश में स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की जरूरत को बल मिला है. रिपोर्ट में कहा गया है कि लगातार स्वास्थ्य खर्च को कम रखने और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे पर निवेश नहीं करने के चलते यदि कोरोना वायरस संक्रमण को सही तरीके से सीमित नहीं किया गया तो देश में वायरस का प्रकोप और गहरा होगा.

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