नयी दिल्ली,20 जनवरी दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि नीतियों में खामियां और दोषपूर्ण आधार, दिल्ली की स्कूली शिक्षा में मुख्य समस्याएं हैं।
दिल्ली शिक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा प्रणाली में अन्य समस्या यह है कि छात्रों में खुद के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के बजाय नौकरी तलाशने की मानसिकता है।
यह सम्मेलन भारतीय उद्योग परिसंघ की ओर से आयोजित किया गया था।
आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा, ‘‘ हमने 2015 के बाद से दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में मौजूद कई खामियों को दूर किया है। इसके आधार में ही दोष है,शिक्षा नीतियों में खामियां है और छात्रों के साथ समस्या है कि उनकी मानसिकता केवल नौकरी पाने की है।’’
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में जो पाठ्यक्रम है वह उद्यमी विचारों से इर्द गिर्द है और इससे छात्रों में रोजगार तलाशने के बजाय रोजगार देने की मानसिकता पैदा हो रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने नौकरी देने की मानसिकता विकसित करने के लिए छात्रों के लिए एक उद्यमिता मानसिकता कार्यक्रम शुरू किया है। हम कक्षा 11वीं के छात्रों को दो हजार रुपये देते हैं, समूह बनाते हैं और विचारों पर काम करते हैं। छात्रों में अब नौकरी तलाशने की मानसिकता नहीं है।
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