नयी दिल्ली, 29 जुलाई दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को कथित धन शोधन मामले में मंत्री सत्येंद्र जैन एवं अन्य के खिलाफ आरोपपत्र का संज्ञान लिया और कहा कि ‘‘प्रथम दृष्टया’’ उनकी संलिप्तता को लेकर पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं।
विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने सत्येंद्र जैन की पत्नी एवं सह-आरोपी पूनम जैन और मामले में आरोपी बनाए गए चार कंपनी के प्रतिनिधियों को समन जारी किये।
अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को निर्देश दिया कि वह सत्येंद्र जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन को आरोपपत्र और अन्य संबंधित दस्तावेजों की एक-एक प्रति उपलब्ध कराए। तीनों आरोपी वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘रिकॉर्ड में पेश दस्तावेजों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि प्रथम दृष्टया आरोपियों की संलिप्तता को लेकर पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। इस प्रकार, धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 4 के तहत दंडनीय पीएमएलए की धारा 3 के अंतर्गत अपराध का संज्ञान लिया जाता है।’’
सुनवाई के दौरान, न्यायाधीश ने दो आरोपियों - अजीत प्रसाद जैन और सुनील कुमार जैन - को आठ अगस्त तक के लिए अंतरिम जमानत प्रदान की। मामले में अब तक दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
मामले की अगली सुनवाई आठ अगस्त को होगी।
अदालत आठ अगस्त को इन दोनों आरोपियों की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई कर सकती है। इस दिन अन्य आरोपियों को पेश होने को कहा गया है।
आरोपी व्यक्तियों के अलावा, चार कंपनी - अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इन्फोसॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और जे जे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड- के खिलाफ भी आरोप पत्र दायर किया गया था।
अदालत ने चिकित्सा आधार पर सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई 20 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने निचली अदालत को निर्देश दिया था कि वह लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल द्वारा दाखिल एक मेडिकल रिपोर्ट पर उच्च न्यायालय के समक्ष सुनवाई की अगली तारीख (17 अगस्त) तक इस पर विचार नहीं करे।
ईडी ने सीबीआई द्वारा 24 अगस्त, 2017 को दर्ज प्राथमिकी के आधार पर सत्येंद्र जैन एवं अन्य के खिलाफ धन शोधन रोकथाम की धाराओं के तहत जांच शुरू की थी।
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार में मंत्री रहने के दौरान 14 फरवरी, 2015 से 31 मई, 2017 के बीच जैन ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की।
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