नयी दिल्ली, 14 अगस्त देश का चीन को निर्यात जुलाई में 9.44 प्रतिशत घटकर 1.05 अरब डॉलर रहा जबकि आयात 13.05 प्रतिशत बढ़कर 10.28 अरब डॉलर पहुंच गया।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जुलाई अवधि में चीन को निर्यात 4.54 प्रतिशत घटकर 4.8 अरब डॉलर रहा जबकि आयात 9.66 प्रतिशत बढ़कर 35.85 अरब डॉलर रहा। इस तरह भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा 31.31 अरब डॉलर रहा।
जुलाई के महीने में ब्रिटेन, जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका, मलेशिया, फ्रांस, इटली, ऑस्ट्रेलिया, नेपाल, ब्राजील, बेल्जियम, तुर्की और इंडोनेशिया को देश से होने वाले निर्यात में भी कमी आई है।
हालांकि अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड, सिंगापुर, सऊदी अरब, बांग्लादेश तथा मेक्सिको को होने वाले निर्यात में वृद्धि दर्ज की गयी है।
आंकड़ों के अनुसार देश से अमेरिका को निर्यात जुलाई महीने में 3.15 प्रतिशत बढ़कर 6.55 अरब डॉलर रहा जबकि आयात 1.43 प्रतिशत बढ़कर 3.71 अरब डॉलर रहा।
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जुलाई अवधि में अमेरिका को निर्यात नौ प्रतिशत बढ़कर 27.44 अरब डॉलर रहा जबकि आयात 6.59 प्रतिशत बढ़कर 15.24 अरब डॉलर रहा। इस प्रकार, व्यापार अधिशेष 12.2 अरब डॉलर का रहा।
इसी तरह, जुलाई में रूस से देश का आयात 22.56 प्रतिशत बढ़कर 5.41 अरब डॉलर का हो गया। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई के दौरान कच्चे तेल के आयात के कारण कुल आयात 20.33 प्रतिशत बढ़कर 23.77 अरब डॉलर का रहा।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने चीन से आयात में वृद्धि के कारण के बारे में पूछे जाने पर कहा कि अमेरिका और यूरोपीय संघ सहित दुनिया का कोई भी देश चीन से अलग-थलग नहीं रह सकता है।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और इसकी खपत भी बढ़ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर निर्यात या घरेलू खपत के अनुरूप आयात बढ़ रहा है तो मुझे नहीं लगता है कि इसे लेकर हमें चिंता करनी चाहिए।’’
चीन वित्त वर्ष 2023-24 में 118.4 अरब डॉलर के व्यापार (निर्यात और आयात) के साथ अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार बनकर उभरा है। पिछले वित्त वर्ष में चीन को भारत का निर्यात 8.7 प्रतिशत बढ़कर 16.67 अरब डॉलर रहा था।
पड़ोसी देश से आयात 3.24 प्रतिशत बढ़कर 101.7 अरब डॉलर हो गया। व्यापार घाटा वित्त वर्ष 2022-23 के 83.2 अरब डॉलर से बढ़कर 85 अरब डॉलर हो गया।
चीन 2013-14 से 2017-18 और 2020-21 में भारत का शीर्ष व्यापार भागीदार था। चीन से पहले संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) देश का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार था। 2021-22 और 2022-23 में अमेरिका सबसे बड़ा भागीदार था।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)