यूरोपीय संघ में ग्रीन हाउस उत्सर्जन में 'सबसे बड़ी’ गिरावट
यूरोपीय संघ में 2023 में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में आठ प्रतिशत की गिरावट हुई है, जो दशकों में सबसे बड़ी गिरावट है.
यूरोपीय संघ में 2023 में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में आठ प्रतिशत की गिरावट हुई है, जो दशकों में सबसे बड़ी गिरावट है. हालांकि, संघ को जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उत्सर्जन घटाने के लिए और मेहनत करनी होगी.यूरोपीय पर्यावरण एजेंसी (ईईए) ने कहा है कि 2023 दशकों में सबसे कम ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन वाला साल रहा है. इस गिरावट का कारण 27 देशों वाले ब्लॉक यूरोपीय संघ में अक्षय ऊर्जा के बढ़ते इस्तेमाल को बताया है. भारत, चीन और अमेरिका के बाद यूरोपीय संघ दुनिया का चौथा सबसे बड़ा प्रदूषक है.
ईईए ने एक बयान में कहा, "यह बड़ी गिरावट कोयले के इस्तेमाल में कमी और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के बढ़ने व पूरे यूरोप में ऊर्जा खपत में कमी के कारण हुई."
यूरोपीय आयोग ने इसे दशकों में सबसे बड़ी वार्षिक गिरावट बताया, जिसमें केवल 2020 में कोविड-19 के कारण 9.8 प्रतिशत की कटौती हुई थी.
पिछले साल यूरोपीय संघ में शुद्ध ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन 1990 के स्तर से 37 प्रतिशत नीचे था, जबकि इसी अवधि में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 68 प्रतिशत की वृद्धि हुई. आयोग ने इसे आर्थिक वृद्धि और उत्सर्जन में आपसी संबंध टूटने का सबूत माना.
ऐसा माना जाता है कि आर्थिक वृद्धि के लिए ज्यादा ऊर्जा के इस्तेमाल की जरूरत है और ऊर्जा के ज्यादा इस्तेमाल से ग्रीनहाउस उत्सर्जन बढ़ता है. एशियाई और विकासशील देशों में ऐसा देखा गया है. लेकिन यूरोपीय संघ में आर्थिक वृद्धि के बावजूद उत्सर्जन कम हुआ.
लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है संघ
यूरोपीय संघ के कार्बन नेट जीरो के लक्ष्य को बढ़ावा देने वाले आयोग ने कहा कि "2030 तक उत्सर्जन में कम से कम 55 प्रतिशत की कमी के लिए प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में यूरोपीय संघ सही रास्ते पर है."
ईईए ने भी 2030 के लक्ष्य को "संभव" बताया, लेकिन चेतावनी दी कि यूरोपीय संघ के सदस्य देशों को यूरोप के जलवायु और ऊर्जा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए इस गति को बनाए रखना होगा. हालांकि, विमानन क्षेत्र से उत्सर्जन पिछले साल 9.5 प्रतिशत बढ़ा, जो कोविड के बाद विमान यात्राओं में आई तेजी का नतीजा है.
लेकिन, बिजली उत्पादन और हीटिंग से उत्सर्जन में 2022 की तुलना में 24 प्रतिशत की कमी आई, जो मुख्य रूप से पवन और सौर ऊर्जा जैसे अक्षय ऊर्जा स्रोतों की वृद्धि और कोयले से दूर होने के कारण हुआ.
अक्षय ऊर्जा से सबसे ज्यादा बिजली
2023 में, यूरोपीय संघ में बिजली उत्पादन के लिए अक्षय ऊर्जा प्रमुख स्रोत बन गई, जो 44.7 प्रतिशत (2022 में 41.2 प्रतिशत) रही, जबकि जीवाश्म ईंधन 32.5 प्रतिशत और परमाणु ऊर्जा 22.8 प्रतिशत थी. यूरोपीय संघ की कुल ऊर्जा खपत में, 2005 में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी 10.2 प्रतिशत थी, जो 2023 में बढ़कर 24 प्रतिशत हो गई.
यूरोपीय संघ ने 2050 तक कार्बन नेट जीरो बनने का लक्ष्य रखा है. पिछले कुछ सालों में यूरोपीय संघ के देशों ने जलवायु परिवर्तन के कारण मौसमी आपदाओं के चरम को झेला है. इस हफ्ते स्पेन में आई घातक बाढ़ जलवायु परिवर्तन से प्रभावित अत्यधिक मौसम की घटनाओं की कड़ी का ही एक हिस्सा है.
दुनिया के चार सबसे बड़े ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जकों में से एक यूरोपीय संघ ने उत्सर्जन में कटौती में सबसे अधिक प्रगति की है. पिछले हफ्ते जारी यूएन पर्यावरण कार्यक्रम की एक रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले साल यूरोपीय संघ के उत्सर्जन में 7.5 प्रतिशत की कमी आई, जबकि अमेरिका में 1.4 प्रतिशत की गिरावट हुई. चीन में 5.2 फीसदी और भारत में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई. 2023 में ऊर्जा क्षेत्र से दुनियाभर में कार्बन उत्सर्जन में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई.
आसान नहीं है राह
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला फॉन डेय लाएन का कहना है कि आयोग का एक प्रमुख काम सदस्य देशों और यूरोपीय संसद के साथ 2040 के लिए एक अंतरिम लक्ष्य पर बातचीत करना होगा. यूरोपीय संघ ने 1990 के स्तर की तुलना में उत्सर्जन में 2040 तक 90 प्रतिशत की कटौती का लक्ष्य तय किया है.
यह लक्ष्य हासिल करना और इसके लिए देशों के बीच सहमति तैयार करना फॉन डेय लाएन के लिए आसान नहीं होगा. इस साल हुए चुनावों में यूरोपीय संसद में दक्षिणपंथी दलों की ताकत बढ़ी है, जो पर्यावरणीय नीतियों से मतभेद रखते हैं. इसके कारण डर है कि ब्रसेल्स को अपने जलवायु लक्ष्यों से पीछे हटना पड़ सकता है.
हालांकि, ईईए की रिपोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि संघ को लक्ष्य पर प्रगति बनाए रखने के लिए और अधिक कोशिश की जरूरत है. सदस्य देशों में वर्तमान में लागू उपायों के आधार पर, ईईए ने कहा कि अनुमानों से पता चलता है कि 2030 तक शुद्ध उत्सर्जन में 1990 की तुलना में 43 प्रतिशत की कटौती होगी, जो 55 प्रतिशत लक्ष्य से काफी कम है.
एजेंसी ने कहा, "2030 तक इस अंतर को पाटने के लिए, अगले कुछ वर्षों में उत्सर्जन में तेजी से कटौती करना महत्वपूर्ण है."
वीके/सीके (एएफपी, रॉयटर्स)