ठाणे, आठ सितंबर महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने 2014 में 29 वर्षीय शख्स की हत्या मामले के चार आरोपियों को यह कहते हुए बरी कर दिया कि अपराध से उनका संबंध स्थापित करने के पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डीएस देशमुख द्वारा बरी किए गए आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 201 (सबूत मिटाने) के तहत मामला दर्ज था।
अदालत ने दो सितंबर को आदेश पारित किया जो रविवार को उपलब्ध हुआ।
अभियोजन ने आरोप लगाया था कि गणेश उर्फ गन्या सुखदेव अभंग की हत्या में गणेश उर्फ गन्या निवृत्ति रखपासरे (50), उसका भाई मंगेश (42), सहदेव उर्फ साज्या विट्ठल लोंडे (34) और बादल सदाशिव बोडके (38) शामिल थे।
अभियोजन के मुताबिक, चार अप्रैल 2014 के तड़के शराब को लेकर हुए झगड़े के बाद आरोपियों ने पीड़ित पर हमला किया था।
बचाव पक्ष के वकील सुधाकर पारद ने दलील दी कि सबूत अपर्याप्त हैं और उन्होंने जांच में विसंगतियों को उजागर किया।
न्यायाधीश देशमुख ने कहा कि अभियोजन पक्ष पर्याप्त सबूत पेश करने में विफल रहा। लिहाज़ा, आरोपियों को संदेह का लाभ दिया गया और सभी आरोपों से बरी कर दिया गया।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)