श्रीनगर, 13 फरवरी जम्मू कश्मीर में पिछले सप्ताह पंजाब के दो मजदूरों की हत्या करने वाले आतंकवादी को गिरफ्तार कर लिया गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) विजय कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि आतंकी के पास से हमले में इस्तेमाल की गई एक पिस्तौल बरामद की गई है।
उन्होंने कहा "सात फरवरी को शहर के हब्बा कदल इलाके में पंजाब के दो मजदूरों पर गोलियां चलाने वाले आतंकवादी आदिल मंजूर लंगू को गिरफ्तार कर लिया गया है।"
कुमार ने कहा कि यहां जलदागर के रहने वाले लंगू ने पाकिस्तान में अपने आका के निर्देश पर हमला किया था और उसे श्रीनगर से गिरफ्तार कर लिया गया।
मजदूर अमृतपाल सिंह की सात फरवरी को हुए हमले में मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि रोहित मसीह की एक दिन बाद शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था।
कश्मीर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक वी. के. बिरदी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, "यह सामने आया है कि आरोपी ने अपराध को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान में अपने आका के साथ साजिश रची थी।"
उन्होंने कहा,"पाकिस्तान में लंगू के आका ने सोशल मीडिया पर उसे कट्टरपंथी बनाया और हमले को अंजाम देने के लिए प्रेरित किया।"
जम्मू-कश्मीर में सात फरवरी को हुई घटना आतंकवादियों द्वारा वर्ष की पहली लक्षित हत्या थी और इसकी जिम्मेदारी प्रतिबंधित 'द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ)' ने ली थी जो पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित एक समूह है।
बिरदी ने कहा कि लंगू ने सिंह और मसीह को हब्बा कदल की गलियों में देखा और उन पर गोलीबारी की जिससे इस घटना में सिंह की मौके पर ही मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि मजदूरों पर उस वक्त हमला किया गया जब वे पंजाब के अमृतसर से श्रीनगर लौटने के बाद इलाके में अपने किराए के आवास पर जा रहे थे।
कुमार ने कहा कि पुलिस उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी जो जम्मू-कश्मीर से हैं लेकिन पाकिस्तान में रह रहे हैं और वहां से आका के रूप में काम कर रहे हैं।
उन्होंने माता-पिता और शिक्षकों से बच्चों के सोशल मीडिया खातों में किसी भी असामान्य बदलाव पर नजर रखने की भी अपील की।
कुमार से यह पूछे जाने पर कि क्या श्रीनगर में आतंकवाद लौट आया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में आतंकवादियों की संख्या कम है। हालांकि, पाकिस्तानी आका ऐसे हमलों को अंजाम देने के लिए उनका इस्तेमाल कर रहे हैं। पुलिस उन्हें पकड़ने के लिए लगातार काम कर रही है।
कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 25 स्थानीय और 30 विदेशी आतंकवादी सक्रिय हैं। उन्होंने कहा, "संख्या में भारी गिरावट आई है। इसी कारण मुठभेड़ भी कम हो गई हैं।"
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