'Jai Jai Hey Telangana' Declared as The State Song: तेलंगाना सरकार ने ‘जय जय हे तेलंगाना’ को राज्य गीत घोषित किया, राज्य चिह्न पर फैसला नहीं
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य सरकार ने प्रसिद्ध कवि एंडि श्री द्वारा रचित ‘जय जय हे तेलंगाना’ को राज्य गीत के रूप में मंजूरी दे दी है.
हैदराबाद, 30 मई : तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी (A. Revanth Reddy) ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य सरकार ने प्रसिद्ध कवि एंडि श्री द्वारा रचित ‘जय जय हे तेलंगाना’ को राज्य गीत के रूप में मंजूरी दे दी है. राज्य चिह्न से चारमीनार और काकतीय राजवंश के शासन में बने ‘मेहराब’ को हटाने के सरकार के कथित कदम का विपक्षी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) द्वारा विरोध जताए जाने के बीच सरकार ने यह भी कहा कि इस संबंध में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि तेलंगाना के राज्य प्रतीक और तेलंगाना तल्ली प्रतिमा पर अंतिम निर्णय विधानसभा में चर्चा के बाद ही लिया जाएगा ताकि किसी गलतफहमी या झूठे दुष्प्रचार की कोई गुंजाइश न रहे.
राज्य सरकार द्वारा बृहस्पतिवार रात को जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि राज्य गीत को दो जून को राज्य स्थापना दिवस के भव्य समारोह के दौरान अंगीकार किया जाएगा. विज्ञप्ति के मुताबिक मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि सरकार ने सभी हितधारकों की सहमति के बाद तेलंगाना के गठन के संघर्ष को दर्शाने वाले गीत को मंजूरी दी है, ताकि आने वाली पीढ़ियां ‘तेलंगाना के शहीदों’ (जिन्होंने तेलंगाना राज्य के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी) के बलिदान को याद रखें और इस गीत को हमेशा गाएं. यह भी पढ़ें : Prajwal Revanna Arrested: जर्मनी से बेंगलुरु लौटते ही प्रज्वल रेवन्ना सेक्स स्कैंडल केस में एयरपोर्ट पर गिरफ्तार, आज कोर्ट में होगी पेशी
कवि एंडि श्री ने बताया कि 20 साल पहले उनके द्वारा लिखा गया गीत बिना किसी बदलाव के राज्य गीत के रूप में स्वीकार कर लिया गया है. ऑस्कर विजेता संगीत निर्देशक एम एम कीरवानी ने इस गीत का संगीत तैयार किया और इसे गाया भी है.
यह निर्णय मुख्यमंत्री द्वारा राज्य विधान परिषद के सभापति गुट्टा सुखेंद्र रेड्डी, विधानसभा अध्यक्ष गद्दाम प्रसाद, राज्य के मंत्रियों, कवि एंडि श्री, कीरवानी, भाकपा विधायक के संबाशिवराव, माकपा के राज्य सचिव टी वीरभद्रम और प्रोफेसर कोदंडराम (जिन्होंने राज्य आंदोलन के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी) के साथ आयोजित बैठक में लिया गया.