देहरादून, 25 जनवरी जोशीमठ भूधंसाव का विभिन्न पहलुओं से अध्ययन कर रहे सभी तकनीकी संस्थानों ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए)को सौंप दी है जबकि दरार वाले मकानों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं होने तथा पानी का रिसाव कम होने से प्रशासन को राहत मिली है।
प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने यहां संवाददाताओं को बताया कि जोशीमठ में कार्यरत ज्यादातर तकनीकी संस्थानों का अध्ययन अभी चल रहा है, लेकिन उन सभी ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंप दी है।
उन्होंने बताया कि सभी संस्थानों की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद प्राधिकरण उससे एक अंतिम रिपोर्ट तैयार करेगा और उसके निष्कर्ष से सरकार को अवगत कराएगा।
जोशीमठ में माह की शुरुआत में ताजा भूधंसाव सामने आने के बाद से केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, राष्ट्रीय भू-भौतिक अनुसंधान संस्थान, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, केंद्रीय भूमि जल बोर्ड, भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान तथा आइआइटी रूड़की जैसे संस्थान नगर का विभिन्न पहलुओं से अध्ययन करने में जुटे हैं।
उत्तराखंड के मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधु ने पिछले सप्ताह संस्थानों से अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द उपलब्ध कराने का आग्रह किया था। उन्होंने संस्थानों से अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से समस्या के साथ ही समाधान भी बताने तथा उन्हें एक-दूसरे से साझा करने को कहा था।
सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ के मारवाडी क्षेत्र में अज्ञात भूमिगत स्रोत से हो रहा पानी का रिसाव बुधवार को 181 लीटर प्रति मिनट दर्ज किया गया। लेकिन शुरुआत में छह जनवरी को पानी का रिसाव 540 लीटर प्रति मिनट दर्ज किया गया था।
उन्होंने बताया कि नगर में सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है और दरार वाले भवनों की संख्या (863) में बुधवार को बढ़ोतरी नहीं हुई। उन्होंने बताया कि इसमें भी बड़ी दरारों वाले भवनों की संख्या केवल 505 है, जबकि बाकी में केवल मामूली दरारें हैं।
अब तक 286 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं जिनके सदस्यों की संख्या 957 है। इसके अलावा अब तक 307 प्रभावित परिवारों को अंतरिम राहत के रूप में 3.77 करोड रुपये की धनराशि वितरित की गयी है।
उधर, जोशीमठ में उद्यान विभाग की भूमि पर निर्माणाधीन मॉडल प्री फैब्रिकेटेड शेल्टर पूर्ण होने के चरण में है, जबकि चमोली के ढाक गांव में भी प्री फैब्रिकेटेड शेल्टर के निर्माण की प्रक्रिया जारी है।
इस बीच, जोशीमठ में असुरक्षित घोषित दो होटलों, लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन और तीन निजी भवनों को तोड़े जाने का कार्य भी केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान की तकनीकी निगरानी में किया जा रहा है।
दीप्ति
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