शपथ ग्रहण गतिरोध: दो निर्वाचित TMC विधायक धरने पर बैठे, विधानसभा में राज्यपाल का इंतजार
शपथ ग्रहण को लेकर गतिरोध के बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के दो नवनिर्वाचित विधायकों ने बुधवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा परिसर में धरना शुरू कर दिया.
कोलकाता, 26 जून : शपथ ग्रहण को लेकर गतिरोध के बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के दो नवनिर्वाचित विधायकों ने बुधवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा परिसर में धरना शुरू कर दिया. वह शाम चार बजे तक राज्यपाल सीवी आनंद बोस के वहां आकर उन्हें पद की शपथ दिलाने या अध्यक्ष को जिम्मेदारी सौंपने का इंतजार कर रहे हैं. सायंतिका बंदोपाध्याय और रायत हुसैन सरकार क्रमश: कोलकाता के समीप बारानगर और मुर्शीदाबाद जिले के भागाबंगोला निर्वाचन क्षेत्रों से निर्वाचित हुए हैं. राजभवन की ओर से यह बताया गया है कि शपथ ग्रहण समारोह गवर्नर हाउस में बोस के सामने होगा.
हुसैन सरकार ने पत्रकारों से कहा, "हमने माननीय राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वह विधानसभा में आएं और हमें शपथ दिलाएं या यह जिम्मेदारी अध्यक्ष को सौंप दें. हालांकि, उन्होंने दोनों विकल्पों को अस्वीकार कर दिया है. इसलिए हम विधानसभा की सीढ़ियों पर इंतजार कर रहे हैं." हुसैन सरकार और बंदोपाध्याय तख्तियों पर ‘‘उन्हें निर्वाचित प्रतिनिधियों के रूप में कर्तव्यों का पालन करने की अनुमति दी जाए’’ जैसे नारे लिखकर राज्यपाल से अनुरोध करते दिखे. बंदोपाध्याय ने कहा, "जब तक हम शपथ नहीं ले लेते, हम विधायक के रूप में काम नहीं कर सकते. हमारे निर्वाचन क्षेत्र के लोग परेशान हैं. सरकार ने बताया कि वह और बंदोपाध्याय राज्यपाल द्वारा शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने या अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की उपस्थिति में शपथ ग्रहण के लिए अपनी सहमति देने के लिए शाम चार बजे तक प्रतीक्षा करेंगे. यह भी पढ़ें : परिवहन मंत्री का फर्जी लेटर पैड बनवाकर धोखाधड़ी करने के आरोप में पिता-पुत्र के खिलाफ मामला दर्ज
विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा, ‘‘शपथ ग्रहण समारोह एक संवैधानिक शिष्टाचार है और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. अगर राज्यपाल चाहें तो वह विधानसभा में आकर शपथ दिला सकते हैं. हम सभी व्यवस्था करेंगे. हमें कोई समस्या नहीं है. लेकिन गतिरोध नहीं होना चाहिए.’’ राज्यपाल ने दोनों विधायकों को 26 जून को राजभवन में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है. संवैधानिक मानदंडों के अनुसार राज्यपाल किसी विधायक को शपथ दिला सकते हैं, लेकिन परंपरागत रूप से उपचुनावों के मामले में वह विधानसभा अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को शपथ दिलवाने का कार्य सौंपते हैं