Delhi High Court: भ्रष्टाचार के मामले में आरोप खारिज करने की स्वाति मालीवाल की याचिका खारिज

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल की एक याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत आरोप तय करने को चुनौती दी गई है.

नयी दिल्ली, 20 सितंबर : दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल की एक याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत आरोप तय करने को चुनौती दी गई है. मालीवाल पर दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रहने के दौरान इस संस्था में विभिन्न पदों पर आम आदमी पार्टी (आप) से जुड़े लोगों की नियुक्ति में पद के कथित दुरूपयोग का आरोप है. न्यायमूर्ति अमित महाजन ने मालीवाल के विरुद्ध अभ्यारोपण संबंधी आदेश को खारिज करने से इनकार कर दिया. इस संबंध में विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा है.

आठ दिसंबर, 2022 को अधीनस्थ अदालत ने मालीवाल एवं तीन अन्य के खिलाफ संबंधित प्रावधानों के तहत अभ्यारोपण का आदेश दिया था. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने डीसीडब्ल्यू की पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व भाजपा विधायक बरखा शुक्ला सिंह की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया था. उच्च न्यायालय ने इस आपराधिक मामले में मालीवाल के विरूद्ध अधीनस्थ अदालत की कार्यवाही पर पिछले साल स्थगन लगा दिया था. अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपियों ने आपस में साजिश करते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया और आप कार्यकर्ताओं हेतु आर्थिक लाभ प्राप्त किया, जिन्हें उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना डीसीडब्ल्यू में विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया. यह भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट जज की विवादास्पद टिप्पणियों पर लिया स्वत: संज्ञान

उसने कहा है कि ये नियुक्तियां प्रक्रियाओं, नियमों, विनियमों का उल्लंघन करते हुए की गईं, यहां तक कि सामान्य वित्त नियमों (जीएफआर) और अन्य दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए पदों के लिए विज्ञापन भी जारी नहीं किया और ऐसे व्यक्तियों को पारिश्रमिक/वेतन/मानदेय के रूप में धनराशि दी गयी. अभियोजन पक्ष का कहना है कि छह अगस्त, 2015 से एक अगस्त, 2016 तक डीसीडब्ल्यू में 90 नियुक्तियां की गयीं. उनमें 71 लोग अनुबंध आधार पर नियुक्त किये गये तथा 16 लोगों को संकट कालीन हेल्पलाइन ‘डायल 181’ में नौकरी दी गयी. उसने कहा है कि नियुक्तियां पाने वाले बाकी तीन लोगों का कोई रिकार्ड नहीं मिला.

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