नयी दिल्ली, 25 जुलाई : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार ने आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल मारपीट मामले में जमानत के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है. उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट के अनुसार, कुमार ने 19 जुलाई को जमानत याचिका दायर की थी और 24 जुलाई को इसे पंजीकृत किया गया. बिभव कुमार ने मामले में जमानत देने से इनकार करने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के 12 जुलाई के आदेश को चुनौती दी है और दावा किया है कि उनके खिलाफ आरोप झूठे हैं. कुमार ने यह भी कहा है कि जांच पूरी हो जाने के कारण अब उनकी हिरासत की आवश्यकता नहीं है.
केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. उन्होंने 13 मई को केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर मालीवाल के साथ कथित तौर पर मारपीट की थी. कुमार के खिलाफ 16 मई को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें आपराधिक धमकी देना, महिला पर वस्त्र हरण करने के इरादे से हमला करना और गैर इरादतन हत्या का प्रयास करने के आरोप से संबंधित धाराएं शामिल हैं. उन्हें 18 मई को गिरफ्तार किया गया था.
जमानत देने से इनकार करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि आरोपी का "काफी प्रभाव" है और उसे राहत देने का कोई आधार नहीं बनता. उच्च न्यायालय ने कहा था कि इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने से वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं या सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं.