जरुरी जानकारी | सूरत आर्थिक क्षेत्र गुजरात को 3,500 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा : पटेल

सूरत, 19 सितंबर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बृहस्पतिवार को सूरत आर्थिक क्षेत्र (एसईआर) के लिए ‘मास्टर प्लान’ पेश किया। उन्होंने कहा कि यह 2047 तक राज्य को 3,500 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

नीति आयोग के ‘वृद्धि केंद्र’ कार्यक्रम के भाग के रूप में ‘सूरत आर्थिक क्षेत्र का आर्थिक मास्टर प्लान’ पेश किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एसईआर के लिए मास्टर प्लान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस दृष्टिकोण को साकार करेगा जिसमें केवल कुछ क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय पूरे क्षेत्र का समग्र विकास करना शामिल है।

उन्होंने कहा, “रसायन, हीरा और कपड़ा जैसे पारंपरिक कारोबार के अलावा, यह मास्टर प्लान पर्यावरण अनुकूल कृषि, आईटी, रियल एस्टेट, पर्यटन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों के विकास पर भी ध्यान केंद्रित करता है। हमारा लक्ष्य 2047 तक गुजरात को 3,500 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है और यह मास्टर प्लान इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”

गुजरात के मुख्य सचिव राज कुमार ने कहा कि केंद्र के सर्वोच्च सार्वजनिक नीति शोध संस्थान नीति आयोग ने अपने ‘ग्रोथ हब’ (जी-हब) कार्यक्रम के तहत सूरत, मुंबई, वाराणसी और विशाखापत्तनम का चयन किया है।

उन्होंने कहा कि जी-हब पहल का मुख्य उद्देश्य इन शहरों और उनके आसपास के क्षेत्रों के आर्थिक विकास के लिए एक व्यापक रूपरेखा और रणनीति तैयार करना है। इसके अलावा इस मास्टर प्लान को लागू करने के लिए एक विस्तृत खाका तैयार करना है।

नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बी वी आर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि मास्टर प्लान दक्षिण गुजरात के संपूर्ण सूरत आर्थिक क्षेत्र (एसईआर) से संबंधित है। इसमें सूरत और इसके आसपास के जिले भरूच, नवसारी, तापी, डांग और वलसाड शामिल हैं।

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