देश की खबरें | अचानक ताइवान पहुंचे अमेरिकी सांसदों ने राष्ट्रपति साई इंग वेन से की मुलाकात

ताइवान में अमेरिका के दूतावास ‘अमेरिकन इंस्टीट्यूट इन ताइवान’ (एआईटी) ने बताया कि अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के द्विदलीय सांसदों का समूह बृहस्पतिवार रात ताइवान पहुंचा और उसकी साई समेत कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करने की योजना है। यात्रा के बारे में विस्तार से जानकारी मुहैया नहीं कराई गई है।

अमेरिकी सांसद ऐसे समय में यात्रा पर यहां आए हैं, जब ताइवान और चीन के बीच तनाव अत्यधिक बढ़ गया है। गृह युद्ध में 1949 में दोनों पक्षों के अलग होने के बाद से ताइवान में स्वशासन है, लेकिन चीन का कहना है कि यह द्वीप उसके अधिकार क्षेत्र में आता है।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल सांसद और डेमोक्रेटिक नेता एलिसा स्लॉटकिन ने कहा, ‘‘जब हमारी यात्रा की खबर कल फैली, तो मेरे कार्यालय को चीनी दूतावास से स्पष्ट संदेश मिला, जिसमें मुझे यात्रा रद्द करने को कहा गया।’’

साउथ कैरोलाइना के रिपब्लिकन सांसद नैंसी मेस ने बृहस्पतिवार रात ट्वीट किया, ‘‘अभी ताइवान गणराज्य की धरती पर पहुंचे हैं।’’

मार्क ताकानो, स्लॉटकिन, कॉलिन आलरेड, सारा जैकब्स और मेस ताइवान आए प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं।

ताकानो ने कहा कि वे ताइवान में अपने भागीदारों और सहयोगियों को यह याद दिलाने के लिए इस सप्ताह यहां आए हैं कि एक ‘‘स्वतंत्र और सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए हमारी प्रतिबद्धता और साझा जिम्मेदारी पहले से कहीं ज्यादा दृढ़ है।’’

उन्होंने कहा कि ताइवान के साथ अमेरिका के संबंध ‘‘चट्टान की तरह मजबूत हैं और हमारे संबंधों के और गहरे होने के साथ ही ये स्थिर बने हुए हैं।’’

साई ने ताइपे में राष्ट्रपति के कार्यालय में अमेरिकी सांसदों और एआईटी निदेशक का स्वागत किया। उन्होंने अमेरिका के साथ द्वीप के निकट संबंधों को रेखांकित करते हुए दोनों पक्षों के बीच सहयोग का जिक्र किया।

साई ने कहा, ‘‘ताइवान क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने और स्वतंत्रता एवं लोकतंत्र के साझा मूल्यों को बरकरार रखने के लिए अमेरिका के साथ सहयोग बढ़ाना जारी रखेगा।’’

इससे कुछ ही सप्ताह पहले छह रिपब्लिकन सांसदों का समूह द्वीप पर आया था। अमेरिकी सांसद इस साल तीसरी बार ताइवान आए हैं। इससे पहले जून में तीन अमेरिकी सांसद कोविड-19 टीके दान करने के लिए ताइवान आए थे।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने लोकतंत्र पर चर्चा के मकसद से अगले महीने आयोजित होने वाली ‘समिट फॉर डेमोक्रेसी’ के लिए ताइवान को भी आमंत्रित किया है और इस कदम की चीन ने कड़ी निंदा की है।

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