नयी दिल्ली, 18 दिसंबर राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच राज्यसभा की अधीनस्थ विधान समिति ने पराली जलाने के नियमों की समीक्षा के लिए बुधवार को विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ बैठक की।
एक सूत्र के अनुसार, शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा की अध्यक्षता वाली समिति ने पराली जलाने के नियमों की जांच के लिए कृषि और किसान कल्याण, बिजली, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालयों के अधिकारियों के विचारों को सुना।
समिति ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (पराली जलाने के लिए पर्यावरण मुआवजे का अधिरोपण, संग्रह और उपयोग) नियम, 2023 की जांच की।
सूत्र ने कहा कि सांसद पराली जलाने से रोकने के लिए नियमों को और प्रभावी बनाने पर विचार कर रहे थे।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 28 अप्रैल, 2023 को नियम जारी किए थे।
आयोग पराली जलाने के लिए उत्तरदायी किसानों पर चालान के रूप में निर्धारित दरों पर पर्यावरण मुआवजा लगाता है।
राज्यसभा की वेबसाइट के अनुसार, ‘‘समिति का कार्य यह जांच करना और राज्य सभा को रिपोर्ट करना है कि क्या संविधान द्वारा प्रदत्त या संसद द्वारा प्रत्यायोजन के माध्यम से नियम, विनियम, उप-नियम, योजना या अन्य वैधानिक साधन बनाने के लिए प्रदान की गई शक्तियों का ठीक से प्रयोग किया जा रहा है...।’’
समिति उन विधेयकों की जांच करती है जिनके द्वारा नियम, विनियम, उप-नियम आदि बनाने के लिए शक्तियां प्रत्यायोजित की जाती हैं या जो ऐसी शक्तियों को प्रत्यायोजित करने वाले पहले के अधिनियमों में संशोधन करते हैं।
तीन दिसंबर को आयोजित अपनी पिछली बैठक में समिति ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन सचिव को सुना था।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)