देश की खबरें | स्मॉग टावर लगाने का विषय: शीर्ष न्यायालय ने केंद्र को सात दिन का समय दिया
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली,21 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र सरकार को पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार में ‘स्मॉग टावर’ लगाने के लिये सहमति पत्र (एमओयू) का क्रियान्वयन एक सप्ताह के अंदर करने को कहा।

‘स्मॉग टावर’ इलाके में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने में मदद करेगा। इसमें लगे उपकरण वायु प्रदूषण को घटाते हैं।

यह भी पढ़े | कोरोना की चपेट में उत्तर प्रदेश, कोविड-19 के पीड़ितों को लेकर सरकार की तरफ से जारी हुए ये आदेश.

न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस तथ्य पर गंभीर संज्ञान लिया कि ‘स्मॉग टावर’ लगाने के लिये आईआईटी मुंबई के साथ किये गये एमओयू को अभी तक क्रियान्वित नहीं किया गया है, जबकि इस साल जनवरी में इस बारे में आदेश जारी किये गये थे।

इस विषय में न्यायालय में पेश हुए एक वकील ने बताया कि शीर्ष न्यायालय ने पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को इस एमओयू को सात दिनों के अंदर क्रियान्वित करने को कहा है।

यह भी पढ़े | हरियाणा: सीएम खट्टर का बड़ा फैसला, न्यायिक हिरासत में भेजे गए कैदियों को कोविड-19 की रिपोर्ट आने तक विशेष जेलों में रखा जायेगा.

मंत्रालय और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दाखिल एक संयुक्त हलफनामे में स्मॉग टावर लगाने के सिलसिले में कार्य की मौजूदा स्थिति का ब्योरा दिया।

हलफनामे में कहा गया है कि केंद्र ने वायु प्रदूषण में कमी लाने और इसकी मौजूदा वृद्धि को रोकने के लिये उच्चतम स्तर पर हर संभव कदम उठाये हैं।

इसने आरोप लगाया कि एमओयू को अंतिम रूप नहीं दिया गया क्योंकि आईआईटी मुंबई परियोजना का संपूर्ण समन्वय करने की जिम्मेदारी लेने को राजी नहीं हुआ ।

इस परियोजना का सत्यापन कार्य टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड द्वारा किया जाना है।

उल्लेखनीय है कि शीर्ष न्यायालय ने इस साल 13 जनवरी के अपने आदेश में कहा था कि यह परियोजना तीन महीनों के अंदर पूरी की जाए।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)