जयपुर, 25 फरवरी राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने शनिवार को विद्यार्थियों से कहा कि दीक्षांत समारोह उनके (विद्यार्थियों) लिए नए जीवन की शुरुआत है और उन्हें जीवन में सदैव सीखने के लिए तत्पर रहते हुए अपने ज्ञान से समाज व राष्ट्र के विकास में योगदान देना चाहिए।
राज्यपाल बीकानेर में स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के 19 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। मिश्र ने कहा कि भारत को खाद्यान्न आपूर्ति में अग्रणी राष्ट्र बनाने में कृषि अनुसंधानों की महत्ती भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और खाद्यान्न आवश्यकता के अनुरूप कृषि विश्वविद्यालयों में निरंतर अनुसंधान किया जा रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि किसानों तक नवीनतम कृषि अनुसंधानों और कृषि प्रौद्योगिकी का लाभ पहुंचे, इसके लिए विश्वविद्यालयों को और प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि पोषण सुरक्षा से जूझ रहे देशों की मदद के लिए तकनीक हस्तांतरण में भी कृषि विश्वविद्यालयों को अहम भूमिका निभानी होगी।
यहां जारी बयान के अनुसार मिश्र ने कहा कि कृषि प्रधान देश के रूप में भारत में कृषि शिक्षा में नवाचार की बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि नए अनुसंधानों के साथ परंपरागत कृषि को आधुनिक परिपेक्ष्य में विकसित करने से सार्थक परिणाम हासिल किए जा सकते हैं।
मिश्र ने भारतीय कृषि संस्कृति पर बल देते हुए कहा कि किसानों के हितों को प्राथमिकता पर रखकर खेती किसानी का अधिक से अधिक विकास करें।
रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के चांसलर प्रो. पंजाब सिंह ने कहा कि हरित क्रांति और श्वेत क्रांति ने भारत को खाद्यान्न और दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाते हुए में विश्व में पहले स्थान पर पहुंचाया है।
कुलपति डॉ. अरुण प्रकाश ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के 19वें दीक्षांत समारोह में 1 हजार 793 विद्यार्थियों को स्नातक उपाधियां तथा 42 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर उपाधियां प्रदान की गई हैं। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार 22 विद्यार्थियों को विद्यावाचस्पति की उपाधियां प्रदान की गईं।
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