देश की खबरें | छात्रों, कर्मचारियों को बिना थर्मल स्कैनिंग के स्कूल में प्रवेश न करने दिया जाए : दिल्ली सरकार
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को स्कूलों के लिए कोविड-19 संबंधी दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा कि छात्रों तथा कर्मचारियों को बिना थर्मल स्कैनिंग के स्कूल परिसर में प्रवेश करने नहीं दिया जाए। सरकार ने यह भी कहा कि यदि कोई भी कोविड-19 से संक्रमित पाया जाता है तो संस्थान उनके पृथकवास के लिए उचित कदम उठाए।
नयी दिल्ली, 22 अप्रैल दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को स्कूलों के लिए कोविड-19 संबंधी दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा कि छात्रों तथा कर्मचारियों को बिना थर्मल स्कैनिंग के स्कूल परिसर में प्रवेश करने नहीं दिया जाए। सरकार ने यह भी कहा कि यदि कोई भी कोविड-19 से संक्रमित पाया जाता है तो संस्थान उनके पृथकवास के लिए उचित कदम उठाए।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी में पिछले कुछ दिनों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि देखी गयी है। इसी के मद्देनजर सरकार ने दिशा- निर्देश जारी किए हैं। दिल्ली में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 965 नए मामले आए थे। बुधवार को 1,009, मंगलवार को 632 और सोमवार को कोरोना के 501 मामले आए थे।
दिल्ली सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार स्कूलों को सलाह दी गई है कि वे छात्रों को भोजन और स्टेशनरी का सामान साझा करने से बचने को कहें।
साथ ही इसमें कहा गया है कि अभिभावकों को सलाह दी जानी चाहिए कि वे बच्चे या परिवार के किसी सदस्य के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने या उनमें कोविड के लक्षण दिखने पर पर उन्हें स्कूल न भेजें।
इसमें कहा गया है, ‘‘यदि किसी छात्र या स्कूल के किसी कर्मचारी में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण पाए जाते हैं तो उन्हें सामान्य लोगों से दूर किसी खुले स्थान या पृथकवास में रखा जाए।’’
सरकार ने कहा, ‘‘शिक्षकों को यह भी निर्देश दिया जाता है कि यदि कक्षा के किसी भी छात्र में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाते हैं तो वे स्कूल के प्रधानाचार्य को इस बात की जानकारी दें। प्रधानाचार्य की ओर से तुरंत इसकी सूचना ज़ोनल व जिला अधिकारियों को दी जानी चाहिए। स्कूल प्रशासन को अधिकार है कि वे अस्थायी रूप से विशिष्ट भाग को बंद कर सकते हैं या उस क्षेत्र कि घेराबंदी की जा सकती है।’’
इसमें कहा गया है कि स्कूल भवनों के सभी प्रवेश और निकास द्वार का उपयोग छात्रों के प्रवेश और निकास के समय भीड़ से बचने के लिए किया जाना चाहिए।
दिशानिर्देश के मुताबिक, ‘‘कोविड-उपयुक्त व्यवहार (सीएबी) को बनाए रखने और भीड़ से बचने के लिए स्वयंसेवकों की मदद ली जा सकती है। किसी भी छात्र और कर्मचारी को थर्मल स्कैनिंग के बिना परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।’’
दिल्ली सरकार ने एसओपी में कहा कि स्कूल के प्रधानाचार्यों को सलाह दी जाती है कि वे माता-पिता के साथ-साथ स्कूल प्रबंधन समितियों (एसएमसी) के साथ बैठक करें ताकि कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन की समीक्षा की जा सके और छात्रों और अभिभावकों के बीच अन्य आत्मविश्वास बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की जा सके।
महामारी के कारण लगभग दो साल के अंतराल के बाद ऑफलाइन कक्षाओं की बहाली के बाद बढ़ते संक्रमण की रिपोर्ट ने चिंता पैदा कर दी है।
विशेषज्ञ एक बार फिर स्कूलों को बंद करने के खिलाफ चेतावनी दे रहे हैं।
दिल्ली-एनसीआर के स्कूल कोविड के मामलों में वृद्धि के बाद हरकत में आ गए हैं और वायरस के प्रसार को कम से कम करने और इस तरह परिसर को बंद करने से बचने के लिए लगातार सफाई सहित कई उपाय कर रहे हैं।
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