लखनऊ, 22 जुलाई उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड चिकित्सालयों की व्यवस्था सुदृढ बनाने के निर्देश देते हुए बुधवार को कहा कि निषिद्ध क्षेत्रों में विभिन्न गतिविधियों को प्रतिबंधित रखने के प्रावधानों का सख्ती से पालन सुनिश्चित होना चाहिए।
योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की 23 करोड़ जनता को प्रभावी चिकित्सा सुविधाएं देने का कार्य कर रही है । कोविड-19 के मद्देनजर प्रदेश में एल-1, एल-2 तथा एल-3 श्रेणी के कोविड अस्पताल स्थापित किए गए हैं, जिनके माध्यम से कोरोना संक्रमित लोगों के उपचार की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है ।
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मुख्यमंत्री यहां अपने सरकारी आवास पर उच्च स्तरीय बैठक में ‘अनलॉक’ व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे ।
उन्होंने निर्देश दिया, ''संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से निषिद्ध क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियों को प्रतिबन्धित रखे जाने के प्रावधानों का सख्ती से पालन कराया जाए। साथ ही सुनिश्चित किया जाए कि निषिद्ध क्षेत्र में लोगों को आवश्यक सामग्री की उपलब्धता में कोई असुविधा न हो।’’
उन्होंने विभिन्न कार्यालयों तथा संस्थानों में स्थापित कोविड हेल्प डेस्क के सुचारु संचालन पर बल देते हुए कहा कि कोविड हेल्प डेस्क में पल्स ऑक्सीमीटर, इन्फ्रारेड थर्मामीटर तथा सैनेटाइजर की उपलब्धता रहे ।
योगी ने अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा शिक्षा) को निर्देश दिया किया कि वह कानपुर नगर में कोविड-19 के उपचार के लिए की गई व्यवस्थाओं की मौके पर समीक्षा करें तथा इन्हें और प्रभावी बनाने के लिए रणनीति तय करें ।
उन्होंने कहा कि गैर कोविड अस्पतालों में मरीजों की पल्स ऑक्सीमीटर के माध्यम से नियमित जांच की जाए । योगी ने जिला स्तर पर चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर करने के लिए समस्त जिलाधिकारियों तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को अपने-अपने जनपद में इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों तथा नर्सिंग होम संचालकों के साथ बैठक कर कार्ययोजना बनाने को कहा ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के प्रसार को रोकने में संपर्क की तलाश की महत्वपूर्ण भूमिका है इसलिए यह कार्य अत्यन्त सावधानी व धैर्य के साथ सुव्यवस्थित ढंग से किया जाए । अधिक से अधिक जांच किए जाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि रैपिड एंटीजन जांच की संख्या में वृद्धि की जाए ।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के गम्भीर रोगियों के उपचार में प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग किया जाए। कोविड-19 से बचाव के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक किए जाने के कार्य को जारी रखने के निर्देश देते हुए योगी ने कहा कि जागरूकता सृजन के लिए टेलिविजन, रेडियो, समाचार पत्रों, पोस्टर-बैनर, होर्डिंग का उपयोग किया जाए ।
योगी ने कहा कि दवा के अभाव में किसी भी रोगी का उपचार प्रभावित नहीं होना चाहिए। सभी अस्पतालों में अतिरिक्त मात्रा में औषधियों की व्यवस्था की जाए। एल-2 तथा एल-3 कोविड अस्पतालों में बेड की संख्या को बढ़ाया जाए ।
उन्होंने टेलीमेडिसिन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार की ऑनलाइन ओपीडी सेवा ‘ई-संजीवनी’ का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि अधिक से अधिक लोग इस सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकें ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 से संक्रमित हुए नवजात शिशु से लेकर वृद्धजन का सफल इलाज किया गया है । ऐसे रोगियों के मामलों का अध्ययन करते हुए यह देखा जाना चाहिए कि इनका सफल उपचार किस प्रकार और किन स्थितियों में हुआ ।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में उच्चस्तरीय चिकित्सा अनुसंधान संस्थानों के विशेषज्ञों से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा संवाद कर उन्हें भी इन अध्ययनों से अवगत कराना चाहिए ।
योगी ने कहा कि कोविड-19 एक नई बीमारी है। इसके मद्देनजर इस प्रकार के अध्ययन मरीजों के ठीक होने की दर को बढ़ाने में काफी उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं ।
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